HomeUncategorizedICMR के समझौता ज्ञापन को मंजूरी, 2021 में इस समझौते पर किये...

ICMR के समझौता ज्ञापन को मंजूरी, 2021 में इस समझौते पर किये गये थे हस्ताक्षर

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और जर्मनी के डॉयशे फोर्सचुंग्सजेमइंशाफ्ट ई.वी.(डीएफजी) तथा आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ अलग-अलग समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में बुधवार को यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

आईसीएमआर और डीएफजी के बीच दिसम्‍बर 2021 में इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे।

समझौते के अंतर्गत विष विज्ञान, उपेक्षित (उष्णकटिबंधीय) रोग, असाधारण रोग और आपसी हित के अन्य क्षेत्रों सहित चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग शामिल है।

इसके अलावा वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास के क्षेत्र में सहयोग में वैज्ञानिक अनुसंधान परियोजनाओं के संयुक्त वित्त पोषण के साथ-साथ शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान, संयुक्त संगोष्ठियों, संगोष्ठियों और कार्यशालाओं का वित्त पोषण शामिल है जो उच्च वैज्ञानिक मानक होंगे और वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण विज्ञान की प्रगति के लिए फायदेमंद होंगे।

एक अन्य निर्णय में केंद्रीय मंत्रिमंडल को आईसीएमआर और ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के बीच नवंबर, 2021 में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के बारे में अवगत कराया गया।

इस समझौता ज्ञापन के तहत भारतीय वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण, अंतरराष्ट्रीय मानकों तथा नियामक की जरूरतों के अनुरूप डेटा का संग्रह, अपनी निधि के उपयोग और न्यायसंगत और संप्रभुता के सिद्धांतों का अनुपालन करते हुए क्षमता विकास के लिए एक क्षेत्रीय केंद्र बनने की दिशा में भारत का विकास,

आईसीएमआर में परिणाम प्राप्त करने के लिए आईडीडीओ (इन्फेक्सस डिजीज डेटा अब्जर्वटॉरी) सचिवालय की समयबद्ध मेजबानी के साथ संयुक्त रूप से निधि जुटाना और इसे साझा करना, डेटा में और उससे परे साझेदारी का निर्माण और न्याय संगतता और पारदर्शिता के साथ कौशल को साझा करना हैं।

दोनों पक्षों ने उन्मूलन के चरण में तीन वेक्टर जनित रोगों (मलेरिया, विसरल लीशमैनियासिस यानी काला अजार, फाइलेरिया) और उभरते संक्रमणों पर विचारों के आदान-प्रदान और साझा करने, डेटा प्रबंधन के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं की सहायता तथा विकास करने, डेटा डॉक्यूमेन्टेशन (दस्तावेजीकरण), डेटा को साझा करने और न्यायसंगत शासन ढांचे का विकास, अनुसंधान कार्यक्रमों पर सहयोग के अवसरों का पता लगाने और क्षमता सुदृढ़ीकरण पर तीन वर्षीय कार्य योजना विकसित करने, शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान और डेटा प्रबंधन और सांख्यिकीय विश्लेषण पर प्रशिक्षण के बारे में अपनी सहमति व्यक्त की है।

spot_img

Latest articles

चूटूपालू घाटी में ट्रेलर का कहर, कई गाड़ियां चपेट में, दर्जनभर से ज्यादा घायल

Accident in Chutupalu Valley: जिले में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। चूटूपालू...

रजरप्पा के पास हाथियों की दस्तक, जनियामारा में दहशत का माहौल

Elephants Arrive Near Rajrappa : रामगढ़ जिले के रजरप्पा क्षेत्र में जंगली हाथियों (Wild...

सदर अस्पताल रांची की बड़ी उपलब्धि, तीन क्षेत्रों में मिला सम्मान

Sadar Hospital Ranchi's big Achievement: सदर अस्पताल रांची ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में...

खनिज भूमि पर सेस बढ़ा, विकास और पर्यावरण को मिलेगा सहारा

Cess on Mineral Land Increased: झारखंड सरकार ने खनिज धारित भूमि पर लगने वाले...

खबरें और भी हैं...

चूटूपालू घाटी में ट्रेलर का कहर, कई गाड़ियां चपेट में, दर्जनभर से ज्यादा घायल

Accident in Chutupalu Valley: जिले में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। चूटूपालू...

रजरप्पा के पास हाथियों की दस्तक, जनियामारा में दहशत का माहौल

Elephants Arrive Near Rajrappa : रामगढ़ जिले के रजरप्पा क्षेत्र में जंगली हाथियों (Wild...

सदर अस्पताल रांची की बड़ी उपलब्धि, तीन क्षेत्रों में मिला सम्मान

Sadar Hospital Ranchi's big Achievement: सदर अस्पताल रांची ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में...