Jharkhand News: जमशेदपुर में नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत अंगीभूत कॉलेजों से इंटरमीडिएट (11वीं-12वीं) की पढ़ाई बंद करने और नामांकन पर रोक के खिलाफ छात्रों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। मंगलवार को इंटरमीडिएट बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले महिला कॉलेज, जमशेदपुर की छात्राओं ने जिला उपायुक्त कार्यालय के सामने जोरदार प्रोटेस्ट किया। छात्राओं ने कॉलेज से रैली निकाली, जो शहर के कई रास्तों से होते हुए जिला मुख्यालय पहुंची, जहां उन्होंने सरकार के इस फैसले का तीखा विरोध किया।
छात्राओं की मांग: इंटरमीडिएट पढ़ाई बहाल करो
छात्राओं ने डिमांड की कि NEP के नाम पर अंगीभूत कॉलेजों से इंटरमीडिएट हटाने का प्लान तुरंत कैंसिल किया जाए। उन्होंने कहा कि ये डिसीजन उनके फ्यूचर के साथ खिलवाड़ है और खासकर गरीब व ग्रामीण बैकग्राउंड के हजारों स्टूडेंट्स की हायर एजुकेशन तक पहुंच बंद कर देगा।
एक छात्रा ने कहा, “हम पिछले एक साल से कॉलेज में पढ़ रहे हैं। अचानक ये फैसला हमारे सपनों को तोड़ रहा है। स्कूलों में सीट्स कम हैं, और संसाधनों की भारी कमी है। हम कहां जाएंगे?”
निजीकरण का इल्जाम, नारेबाजी
प्रोटेस्ट में छात्राएं बैनर्स और तख्तियां लेकर “नई शिक्षा नीति वापस लो”, “कॉलेजों में 12वीं बहाल करो”, “छात्र-विरोधी फैसला बंद करो” जैसे स्लोगन्स चिल्लाती दिखीं। कुछ छात्राएं इमोशनल होकर बोलीं कि ये पॉलिसी एजुकेशन का प्राइवेटाइजेशन कर रही है, जिससे मिडिल और लोअर क्लास स्टूडेंट्स सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
उन्होंने कहा कि झारखंड में स्कूलों की लिमिटेड नंबर और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते इंटरमीडिएट की पढ़ाई कॉलेजों में ही सुलभ थी।
उपायुक्त को सौंपा मेमोरैंडम
छात्राओं के डेलिगेशन ने डिप्टी कमिश्नर से मिलकर मेमोरैंडम सौंपा और डिमांड की कि ये इश्यू तुरंत स्टेट गवर्नमेंट तक पहुंचाया जाए। जिला प्रशासन ने मेमोरैंडम लिया और प्रॉमिस किया कि मामला स्टेट एजुकेशन डिपार्टमेंट तक भेजा जाएगा।
क्यों हो रहा विरोध?
झारखंड गवर्नमेंट ने NEP 2020 के तहत अंगीभूत कॉलेजों से इंटरमीडिएट पढ़ाई को हटाकर स्कूलों तक सीमित करने का डिसीजन लिया है। स्टूडेंट्स और टीचर्स का कहना है कि झारखंड में पर्याप्त प्लस-टू स्कूल्स नहीं हैं, खासकर रूरल एरियाज में। इससे गरीब और मिडिल क्लास स्टूडेंट्स प्राइवेट इंस्टिट्यूशंस की हाई फीस नहीं अफोर्ड कर पाएंगे।
कोल्हान रीजन में सिर्फ 3 प्लस-टू कॉलेज हैं, जो लोकल स्टूडेंट्स को प्रायोरिटी देते हैं, जिससे रूरल स्टूडेंट्स एडमिशन से वंचित हो रहे हैं।
इंटरमीडिएट बचाओ संघर्ष समिति की चेतावनी
समिति ने वॉर्निंग दी कि अगर डिमांड्स नहीं मानी गईं, तो वे फेज्ड प्रोटेस्ट करेंगे, जिसमें स्टेट-वाइड डेमन्सट्रेशंस और गवर्नर हाउस व CM रेजिडेंस का घेराव शामिल है। समिति के मेंबर सुमित पाल ने कहा, “जमशेदपुर में करीब 5,000 स्टूडेंट्स इंटरमीडिएट में एनरोल्ड हैं। बिना अल्टरनेटिव अरेंजमेंट के पढ़ाई बंद करना इनजस्टिस है।”