झारखंड

झारखंड में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में पहले की अपेक्षा आई कमी, बन्ना गुप्ता ने…

जनसंख्या नियंत्रण के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए जागरुकता रथ को भी रवाना किया

रांची : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने कहा है कि बेटा हो या बेटी दोनों को समान (Son or Daughter Equal) दृष्टि से देखने की मानसिकता होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमें प्रण लेना चाहिए कि किसी घर में जैसे ही बच्ची का जन्म हो, तो वह पौधा लगायें और पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

गुप्ता मंगलवार को 35वें विश्व जनसंख्या दिवस पर रांची में होटल BNR चाणक्या (Hotel BNR Chanakya) के सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

झारखंड जनसंख्या नियंत्रण के क्षेत्र में राष्ट्रीय औसत के करीब

उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए जागरुकता रथ को भी रवाना किया। कार्यक्रम में CHO मैन्युअल, सहिया बुकलेट एवं ब्रोशर (Booklets and Brochures) का भी विमोचन किया गया।

साथ ही नव दम्पतियों के बीच नई पहल किट वितरित किये गये। इसके अलावा स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे डॉक्टर, NHM, सहिया आदि को भी सम्मानित किया गया।

मंत्री ने कहा कि झारखंड जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) के क्षेत्र में राष्ट्रीय औसत के करीब है। उन्होंने कहा कि जो मामूली अंतर है, उसे भी जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा।

 भारत युवाओं का देश है: अरुण कुमार सिंह

साथ ही कहा कि राज्य में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी आयी है। परिवार नियोजन के तहत पांच वर्षों में पांच लाख से अधिक महिलाओं का बंध्याकरण कराया गया है लेकिन पुरुष नसबंदी की संख्या बहुत कम है। हमें इस दिशा में लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि भारत युवाओं का देश है। 1951 में जहां भारत की आबादी लगभग 36 करोड़ थी, वहीं आज 35वें विश्व जनसंख्या दिवस यह बढ़कर 140 करोड़ के आस पास हो गयी है। यह बढ़ती जनसंख्या दर गंभीर चिंता का विषय है।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission) के अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी, अपर अभियान निदेशक विद्यानंद पंकज शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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