झारखंड

झारखंड सरकार ने दिवाली, काली पूजा, छठ को लेकर जारी किया दिशा-निर्देश, यहां जानें क्या-क्या करना है परहेज

रांची: झारखंड सरकार ने दीपावली और काली पूजा के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिया है। दुर्गा पूजा की तरह ही इन त्योहारों को भी सशर्त मनाने की अनुमति दी गई है।

दीपावली के दिन सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे नहीं फोड़े जा सकेंगे। निजी स्थानों पर पटाखे फोड़ने के लिए एनजीटी के आदेश पर अमल होगा। काली पूजा मंदिरों और निजी तौर पर घरों के अलावा छोटे पंडालों में की जा सकेगी, लेकिन पंडाल के अंदर आम लोगों की एंट्री नहीं होगी।

लोग बाहर से मास्क लगाकर सामाजिक दूरी रखते हुए मां काली के दर्शन कर सकेंगे। पंडाल के अंदर पूजा आयोजकों के 15 सदस्य ही रह सकेंगे। मेला नहीं लगेगा। प्रसाद, भोग वितरण नहीं होगा। विसर्जन यात्रा नहीं निकलेगी।

दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पड़ेगा महंगा

चीफ सेक्रेटरी सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई। इस दौरान निर्णय लिया गया कि दीपावली और काली पूजा को कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए ही मनाया जाए। इसको लेकर आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देश में सचिव डॉ. अमिताभ कौशल ने स्पष्ट किया है कि छठ पूजा के लिए सरकार अलग से दिशा-निर्देश जारी करेगी। दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून के तहत कार्रवाई होगी।

क्या है सरकार की गाइडलाइंस

-सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे फोड़ने की मनाही
-निजी स्थानों पर पटाखे जलाने के लिए एनजीटी के आदेश पर अमल
-काली पूजा मंदिरों और घरों में सशर्त की जा सकेगी
-काली पूजा परंपरागत तरीके से बनाए गए छोटे पंडाल या मंडप में भी हो सकेगी
-पंडाल में आयोजकों के 15 सदस्यों को ही प्रवेश की अनुमति है
-आम लोग या भक्त पंडाल या मंडप की बैरिकेडिंग के बाहर से मास्क पहनकर दर्शन कर सकेंगे। इन्हें दो लोगों के बीच न्यूनतम 6 फीट की दूरी रखनी होगी। आयोजकों को 6 फीट की दूरी दर्शाने के लिए चिन्ह बनाने होंगे।
-पूजा पंडालों और आसपास रोशनी से सजावट नहीं की जा सकेगी। स्वागत गेट या तोरण द्वार भी बनाने पर प्रतिबंध है। मूर्ति वाली जगह को छोड़कर शेष पंडाल को हवादार रखना होगा।
-आरती मंत्र या पाठ के दौरान सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली का इस्तेमाल सुबह सात से नौ बजे के दौरान किया जा सकेगा। आवाज 55 डेसिबल से अधिक नहीं होनी चाहिए और अस्पताल कोर्ट से 100 मीटर की दूरी रखनी होगी। रिकॉर्डिंग टेप ऑडियो आदि नहीं बजाए जा सकेंगे।
-मेला नहीं लगेगा, पंडाल के अंदर और आसपास फूड स्टॉल नहीं लगेंगे।
-मूर्तियों की विसर्जन यात्रा नहीं निकलेगी। मूर्तियों का विसर्जन जिला प्रशासन की ओर से प्रस्तावित स्थान पर होगा।
-इस दौरान संगीत और अन्य तरह के मनोरंजन या सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं किए जा सकेंगे। सरकार ने सामुदायिक दावत, प्रसाद अथवा भोग वितरण पर भी रोक लगाई है।

पूजा पंडाल में सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं

फेस कवर या फेस मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। सार्वजनिक स्थान पर लोगों के बीच 6 फीट की न्यूनतम दूरी अनिवार्य रूप से रखी जानी है। सभी जिला मजिस्ट्रेट पुलिस अधीक्षक को दिशा निर्देशों के अनुपालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी दी गई है। दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

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