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झारखंड हाईकोर्ट ने पूछा- एक से ज्यादा विषयों में फेल छात्रों को अगली कक्षा में कैसे दी गई प्रोन्नति?

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रांची: हजारीबाग के संत जेवियर्स स्कूल से निष्कासित छात्रों के मामले में सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान अदालत ने एक छात्र हसन अनवर के परीक्षा परिणाम से संबंधित मामले में स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन एवं जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में हुई।

बताया जाता है कि हसन अनवर को इसलिए स्कूल से निकाला गया कि वह एक विषय में फेल था।

इस वजह से हसन को अगली कक्षा में प्रोन्नति नहीं दी गयी और स्कूल से निकाल दिया गया।

लेकिन ऐसा सभी छात्रों के मामले में नहीं किया गया। कई अन्य छात्रों एक से ज्यादा विषयों में फेल थे फिर भी उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नति दे दी गई है।

इस मामले में अदालत ने स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा है।

इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई 10 फरवरी को निर्धारित की है। उल्लेखनीय है कि संत जेवियर्स स्कूल हजारीबाग के कक्षा 2 से लेकर कक्षा 7 तक के कई छात्रों को स्कूल से निष्कासित कर दिया गया था।

स्कूल प्रबंधन का कहना है कि छात्रों को अनुशासनात्मक कारवाई के तहत निष्कासित किया गया था।

इनके खिलाफ कई शिकायतें मिली थी। पूर्व में स्कूल से निष्कासित छात्रों की ओर से हाईकोर्ट की एकल पीठ में याचिका दायर की गई थी।

एकल पीठ ने इस पर कहा था कि छात्रों को पहले शिक्षा न्यायाधिकरण में अपने मामले को रखना चाहिए।

छात्रों ने फिर मामले को हाईकोर्ट के डबल बेंच में मामले को रखा और कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत उन्हें शिक्षा पाने का पूरा अधिकार है और उन्हें स्कूल से निष्कासित नहीं किया जा सकता।

इस मामले में छात्रों की ओर से अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज और सृष्टि सिन्हा ने पक्ष रखा।

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