Jharkhand News: रामगढ़ जिला कल्याण कार्यालय में 25 लाख रुपये के घोटाले का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह फर्जीवाड़ा मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत सप्लायर अमजद हुसैन ने IDBI बैंक और कल्याण विभाग के कर्मचारियों की मदद से किया।
घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब जिला कल्याण पदाधिकारी सिद्धार्थ शंकर चौधरी ने रामगढ़ थाने में FIR दर्ज कराई।
फर्जी हस्ताक्षर से 24.81 लाख की अवैध निकासी
सिद्धार्थ शंकर चौधरी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत 94 लाख रुपये जिला कल्याण कार्यालय को मिले थे। ये राशि IDBI बैंक में जमा थी और इसे सीधे लाभुकों को नहीं, बल्कि तय प्रक्रिया के तहत बांटना था।
लेकिन फरवरी से अप्रैल 2025 के बीच पांच फर्जी पत्रों के जरिए 24 लाख 81 हजार 600 रुपये की अवैध निकासी कर ली गई। इन पत्रों पर जिला कल्याण पदाधिकारी के हस्ताक्षर फर्जी थे और ये कार्यालय के आगत-निर्गत पंजी में दर्ज भी नहीं थे।
अमजद हुसैन ने की लेटर में हेराफेरी
जांच में पता चला कि सप्लायर अमजद हुसैन को पत्रांक संख्या 331 बैंक में जमा करने के लिए दिया गया था। लेकिन उसने इस पत्र में छेड़छाड़ कर दी। बत्तख पालन के लिए चुने गए 98 लाभुकों की मूल सूची को बदलकर उसने अपनी मर्जी की नई सूची लगा दी।
इस फर्जी सूची में बॉयलर कुकुट और बैकयार्ड लेयर कुकुट पालन के लिए 67,500 और 1,18,200 रुपये की राशि दिखाई गई, जबकि मूल सूची में लाभुकों को सिर्फ 1700 रुपये मिलने थे। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक ने अमजद हुसैन के खाते में 24.81 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
बैंक की लापरवाही भी आई सामने
जिला कल्याण कार्यालय ने बैंक से पत्रांक संख्या 1342 के जरिए पूछा कि किन दस्तावेजों के आधार पर इतनी बड़ी राशि ट्रांसफर की गई।
जांच के लिए कार्यालय कर्मी अमित कुमार दास को बैंक भेजा गया, जहां पता चला कि बैंक ने पत्रांक संख्या 631 के आधार पर भुगतान किया, जो मूल पत्र से पूरी तरह अलग था। बैंक में मौजूद पत्र और कार्यालय के रिकॉर्ड में भारी अंतर पाया गया।
डेढ़ लाख लौटाकर फरार हुआ अमजद हुसैन
जब घोटाले का पता चला और अमजद हुसैन को कार्यालय से सवाल-जवाब का सामना करना पड़ा, तो उसने डेढ़ लाख रुपये लौटाए और फरार हो गया। उसने अपना मोबाइल नंबर भी बंद कर लिया है। अमजद हुसैन लातेहार जिले के अमवाटीकर गांव का रहने वाला है।
क्या है पूरा मामला?
पशुधन योजना में चयन: 11 नवंबर 2023 को 358 लाभुकों को सूकर, बकरी, बत्तख, बॉयलर और बैकयार्ड लेयर कुकुट पालन के लिए चुना गया।
फर्जीवाड़ा: फर्जी हस्ताक्षर और बदली हुई सूची के जरिए 24.81 लाख रुपये की अवैध निकासी।
मिलीभगत: IDBI बैंक और कल्याण विभाग के कर्मचारियों ने सप्लायर अमजद हुसैन का साथ दिया।