Jai Ram Mahto’s visit to Palamu: झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के केंद्रीय अध्यक्ष और डुमरी विधायक जय राम महतो ने शनिवार को पलामू के मेदिनीनगर में सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि झारखंड को अलग राज्य बने 25 साल हो गए, लेकिन सक्षम नेतृत्व के अभाव में राज्य देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल नहीं हो सका।
झारखंड की समस्याएं और नेतृत्व की कमी
जय राम महतो ने कहा कि झारखंड प्रकृति की देन से समृद्ध है, जहां खनिज संसाधनों की प्रचुरता है। इसके बावजूद रोजगार, कृषि, सिंचाई, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में राज्य को दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है।
उन्होंने बंगाल और ओडिशा का उदाहरण देते हुए कहा कि इन राज्यों का नेतृत्व केंद्र सरकार से मजबूती से बात करता है, लेकिन झारखंड में ऐसा नेतृत्व अब तक नहीं उभरा जो केंद्र के सामने ठोस तरीके से राज्य के हितों को रख सके।
स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना
स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पतालों में मीडिया के प्रवेश पर रोक के मुद्दे पर जय राम ने स्वास्थ्य मंत्री पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि अगर स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होतीं, तो सरकार उन्हें गर्व के साथ दिखाती।
“अस्पतालों में खामियां छिपाने के लिए मीडिया को रोका जा रहा है। अगर सकारात्मक काम हो रहा है, तो उसे दुनिया तक पहुंचाने का काम मीडिया करता है। यह रोक कमियों पर पर्दा डालने जैसा है,” उन्होंने कहा।
स्थानीय नीति के सवाल पर जय राम ने कहा…
स्थानीय नीति के सवाल पर जय राम ने कहा कि पक्ष और विपक्ष के विधायक पर्व-त्योहार और खेलकूद में तो एक साथ नजर आते हैं, लेकिन स्थानीय नीति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेता।
उन्होंने सुझाव दिया कि झारखंड के 81 विधायकों को एकजुट होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहिए और स्थानीय नीति को स्पष्ट करने की मांग करनी चाहिए। उन्होंने पलामू को झारखंड की उप-राजधानी बनाने की मांग भी दोहराई, जो उनके मिशन झारखंड का हिस्सा है।
इस दौरान JLKM के नेता ओंकार जायसवाल सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे। जय राम महतो ने कार्यकर्ताओं से भी स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता के बीच सक्रिय रहने की अपील की।