Jharkhand News: झारखंड में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का शानदार आगाज हुआ। रांची से ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश त्रिलोक सिंह चौहान ने इसकी शुरुआत की।
धनबाद में आयोजित समारोह में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा, “लोक अदालत अब किसी परिचय की मोहताज नहीं है। ये लोगों के स्वाद और आदत का हिस्सा बन चुकी है।”
संविधान का सपना पूरा करता लोक अदालत
जस्टिस तिवारी ने बताया कि नेशनल लोक अदालत संविधान के उस सपने को हकीकत में बदल रही है, जो हर नागरिक को सस्ता, सुलभ और तेज न्याय देने की बात करता है। 2013 से हर तीन महीने में देशभर में इसका आयोजन हो रहा है।
उन्होंने कहा, “बिना प्रशासनिक सहयोग के समाज तक न्याय पहुंचाना मुमकिन नहीं। लोक अदालत से लोग कोर्ट के लंबे चक्कर और पैसे की बर्बादी से बच सकते हैं। इससे मानसिक शांति मिलती है और रिश्तों में फिर से प्यार-मोहब्बत बढ़ता है।”लोक अदालत का मकसद सिर्फ विवाद सुलझाना ही नहीं, बल्कि समाज में शांति, समृद्धि और भाईचारा बनाए रखना भी है।
धनबाद में 2.91 लाख विवाद सुलझे, 12 अरब की रिकवरी
धनबाद में इस बार 13 बेंच बनाए गए थे, जिनके जरिए दोपहर 2 बजे तक 2 लाख 91 हजार 12 विवादों का निपटारा किया गया। इसमें 37 हजार 130 कोर्ट में लंबित मामले और 2 लाख 53 हजार 882 प्री-लिटिगेशन केस शामिल थे।
कुल मिलाकर 12 अरब 44 करोड़ 3 लाख 22 हजार 704 रुपये की रिकवरी हुई। इस मौके पर धनबाद के DDC, SSP और कोर्ट के अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे।