Ranchi News: BJP प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री अधिवक्ता स्वास्थ्य योजना को लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के 30,000 से ज्यादा अधिवक्ताओं में से आधे यानी 15,000 वकीलों को इस योजना से बाहर रखना दुर्भाग्यपूर्ण और अन्यायपूर्ण है। प्रतुल ने CM हेमंत सोरेन से तत्काल हस्तक्षेप कर बजट प्रावधान बढ़ाने और सभी अधिवक्ताओं को योजना से जोड़ने की मांग की।
झारखंड स्टेट बार काउंसिल की अनदेखी
प्रतुल ने योजना से झारखंड स्टेट बार काउंसिल को बाहर रखने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “यह प्रदेश के अधिवक्ताओं का सबसे बड़ा संगठन है। इसे दरकिनार करना गैरकानूनी है।”
झारखंड स्टेट अधिवक्ता कल्याण एक्ट के मुताबिक, ट्रस्टी कमेटी को स्टेट बार काउंसिल के निर्णयों के आधार पर ही फंड खर्च करना चाहिए, लेकिन सरकार ने ट्रस्टी कमेटी को पूर्ण अधिकार दे दिया, जिसके अध्यक्ष महाधिवक्ता हैं।
यह कदम पारदर्शिता और कानूनी प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है।
“15,000 वकील क्यों वंचित?”
प्रतुल ने बताया कि योजना में सिर्फ ट्रस्टी कमेटी के 15,000 वकीलों को शामिल किया गया है, जबकि शेष 15,000 अधिवक्ताओं को लाभ से वंचित रखा गया।
झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने भी इस पर कड़ा ऐतराज जताया और योजना के लॉन्च समारोह को स्थगित करने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने अनसुना कर दिया।