Ranchi : झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान और विधि-व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय ने एक अहम फैसला लिया है. इस पहल के तहत झारखंड जगुआर के आईजी राज्य के अलग–अलग रेंज में तैनात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे. यह बैठकें रांची, दुमका, पलामू, चाईबासा, हजारीबाग और बोकारो रेंज के एसपी के साथ अलग-अलग तिथियों में आयोजित की जाएंगी. इन बैठकों का उद्देश्य जमीनी हालात की समीक्षा कर सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाना है.
सुरक्षा बलों की तैनाती और संसाधनों की होगी गहन समीक्षा
पुलिस मुख्यालय के अनुसार, इन बैठकों में जिलों में तैनात सुरक्षा बलों की वर्तमान स्थिति का विस्तार से मूल्यांकन किया जाएगा. यह समीक्षा इसलिए जरूरी मानी जा रही है क्योंकि झारखंड के पांच जिलों को एसआरई (सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर) योजना से मुक्त कर दिया गया है. योजना से बाहर होने के बाद सुरक्षा व्यवस्था में जरूरी बदलाव करना आवश्यक हो गया है, ताकि नक्सल प्रभावित इलाकों में किसी तरह की कमजोरी न रहे.
रेंजवार होगी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा
बैठक में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती पर भी चर्चा होगी. जानकारी के अनुसार, राज्य में तैनात तीन अर्द्धसैनिक बटालियनों, जिनमें दो सीआरपीएफ और एक एसएसबी की बटालियन शामिल है, को अन्य राज्यों में भेजने का प्रस्ताव है. ऐसे में यह तय करना जरूरी है कि किन क्षेत्रों में अतिरिक्त बल की जरूरत है और कहां स्थानीय पुलिस बल से काम चलाया जा सकता है.
पांच जिले एसआरई योजना से मुक्त
इसके अलावा, जैप, आईआरबी और एसआईआरबी-सैप वाहिनियों की कंपनियों के साथ-साथ नक्सल विरोधी अभियानों में लगी सैट (स्पेशल एक्शन टीम) की तैनाती पर भी विचार किया जाएगा. बैठक में बलों की संख्या का आकलन, गैर-जरूरी पोस्ट और पिकेट की पहचान, तथा संसाधनों के बेहतर उपयोग जैसे अहम बिंदुओं पर चर्चा होने की संभावना है.
अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति पर होगा विचार
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की समीक्षा बैठकों से न सिर्फ सुरक्षा बलों का सही इस्तेमाल सुनिश्चित होगा, बल्कि नक्सल गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण भी बनाया जा सकेगा. इससे राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था को और मजबूती मिलने की उम्मीद है.




