Ranchi : झारखंड पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में बड़ी गलती सामने आई है। इस सूची में कई ऐसे नक्सलियों के नाम अभी भी हैं, जो या तो मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं या फिर पुलिस के सामने सरेंडर कर चुके हैं। पुलिस मुख्यालय के रिकॉर्ड में इनका नाम बने रहने से सूची की सच्चाई और अपडेट को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल राज्य में 58 इनामी नक्सली बताए गए हैं। लेकिन जब इस सूची की जांच की गई, तो पता चला कि इनमें से कई नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने पिछले कुछ महीनों में मार गिराया है और कई ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
कई मरे और सरेंडर नक्सली आज भी सूची में दर्ज
एक करोड़ इनामी अनुज उर्फ सहदेव सोरेन पहले ही मुठभेड़ में मारा जा चुका है। 25 लाख के इनामी रघुनाथ हेंब्रम को भी पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर किया था। इसी तरह 10 लाख इनामी अमित हांसदा और बिरसेन गंझू भी सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए थे। 10 लाख का इनामी विवेक यादव बिहार के गया जिले में हत्या का शिकार हो चुका है।
पांच लाख इनामी मुखदेव यादव को भी पुलिस ने मुठभेड़ में मार दिया था। वहीं पांच लाख इनामी रवींद्र यादव, बलदेव गंझु और मुकेश राम (जेजेएमपी) ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। इसके अलावा पांच लाख का इनामी अखिलेश यादव ने भी झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण कर दिया था।
अब इन नामों का मोस्ट वांटेड सूची में बने रहना इस बात की ओर इशारा करता है कि पुलिस रिकॉर्ड समय पर अपडेट नहीं किए गए हैं। इससे पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाज़मी है।




