Kerala Local Body Elections: केरल के स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ दिखा दिया है। इस चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने पूरे राज्य में अच्छा प्रदर्शन किया है।
पंचायतों से लेकर नगरपालिकाओं तक UDF ने बढ़त बनाकर यह संकेत दे दिया है कि जनता का भरोसा एक बार फिर उसके साथ मजबूत हुआ है।
राज्यभर में UDF का प्रभावशाली प्रदर्शन
राजधानी तिरुवनंतपुरम में इस बार सबसे बड़ा राजनीतिक उलटफेर देखने को मिला। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने यहां ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।
तिरुवनंतपुरम नगर निगम में कुल 101 वार्डों में से NDA ने 50 वार्ड जीत लिए हैं। इस जीत के साथ ही 45 साल पुराना लेफ्ट का किला ढह गया। इस नगर निगम में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) को 29 और UDF को 19 वार्डों पर ही संतोष करना पड़ा।
राजधानी से बाहर भी NDA की मौजूदगी
राजधानी के अलावा भी NDA ने कई जगह अपनी पकड़ दिखाई है। पलक्कड़ नगरपालिका में NDA ने अपनी सत्ता को बरकरार रखा, जबकि त्रिप्पुनिथुरा नगरपालिका को उसने UDF से छीन लिया। त्रिशूर जिले में भी NDA को बढ़त मिली है, जिससे शहरी इलाकों में उसकी स्थिति मजबूत होती दिख रही है।
चुनाव आयोग के आंकड़े क्या कहते हैं
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार शाम 7 बजे तक UDF ने 941 ग्राम पंचायतों में से 504, 152 ब्लॉक पंचायतों में 79, 14 जिला पंचायतों में 7, 87 नगरपालिकाओं में 54 और 6 नगर निगमों में 4 में जीत या बढ़त हासिल कर ली है।
वहीं सत्तारूढ़ LDF को 340 ग्राम पंचायतों, 63 ब्लॉक पंचायतों, 7 जिला पंचायतों, 28 नगरपालिकाओं और 1 नगर निगम में जीत मिली है।
शहरी क्षेत्रों में NDA की नई ताकत
BJP के नेतृत्व वाले NDA ने 26 ग्राम पंचायतें, 2 नगरपालिकाएं और 1 नगर निगम (तिरुवनंतपुरम) जीतकर यह साफ कर दिया है कि केरल के शहरी क्षेत्रों में उसका आधार धीरे-धीरे मजबूत हो रहा है। इन नतीजों से साफ है कि आने वाले समय में केरल की राजनीति और भी रोचक होने वाली है।




