नकवी ने ‘गुपकार गैंग’ को बताया ‘गुमराही गैंग’, कहा- कांग्रेस के लिए यह ‘डाइंग डिक्लेरेशन’ साबित होगा

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श्रीनगर/नई दिल्ली: वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ‘गुपकार गैंग’ को ‘गुमराही गैंग’ की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा कि यह गैंग अपने संकीर्ण राजनैतिक स्वार्थ के लिए जम्मू कश्मीर के लोगों में भय और भ्रम का माहौल बना रहा है।

वहां कांग्रेस पार्टी को निशाने पर लेते हुए नकवी ने कांग्रेस का “गुपचुप” “गुपकार डिक्लेरेशन”, “डायनास्टिक एवं डिस्ट्रकटिव पॉलिटिक्स” के लिए “डाइंग डिक्लेरेशन” साबित होगा। यह बात केंद्रीय मंत्री ने जम्मू कश्मीर के स्थानीय निकाय चुनावों में श्रीनगर (कुपवाड़ा) में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कही।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश की ग्रैंड ओल्ड पार्टी कांग्रेस और “डायनेस्टी”, ऐसे लोगों के साथ हाथ मिला रही है जो अलगाववाद-आतंकवाद को कश्मीर की तकदीर-तस्वीर बनाना चाहते हैं।

वहीं 370 के खिलाफ हुई लामबंदी को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा दशकों बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया एवं समावेशी विकास का भागीदार बनाने में लगी है, जो कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा।

नकवी ने कहा कि 370 हटाने के बाद यहां के लोगों के “जर, जंगल, जमीन” के अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं। इतना ही नहीं, लोगों के व्यापार, कृषि, रोजगार, संस्कृति, जमीन-संपत्ति आदि के अधिकारों को भी संवैधानिक सुरक्षा दी गई है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को देश के सामने अनुच्छेद-370 पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि 370 ने सात दशकों में जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद-आतंकवाद के सिवा क्या दिया।

केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 हटाने से पहले जम्मू-कश्मीर में रहने वाले पहाड़ी गुज्जर-बक्करवालों, पिछड़े-कमजोर तबकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला था, बंटवारे के बाद पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर आए विस्थापितों को 70 सालों बाद भी नागरिकता और वोट देने का अधिकार नहीं मिला था।

लेकिन 2019 में इस विशेष अनुच्छेद का खात्मा कर भाजपा सरकार ने सभी को उनके अधिकार दिलाए। अब किसी भी एलायंस को उन अधिकारों को लोगों से नहीं छीनने दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद-370 के खात्मे के साथ जम्मू-कश्मीर और लेह-कारगिल के विकास में बाधा बने तमाम कानूनों को खत्म कर इन क्षेत्रों के विकास की रफ्तार पर लगा “स्पीड ब्रेकर” ध्वस्त किया गया है। केंद्र सरकार की विभिन्न आर्थिक, शैक्षणिक विकास योजनाओं-कार्यक्रमों का लाभ जम्मू-कश्मीर, लेह-कारगिल के लोगों को भी मिल रहा है। यहीं नहीं, जम्मू-कश्मीर, लेह-कारगिल में प्रशासनिक, भूमि, आरक्षण आदि सुधार हुए हैं। केंद्र सरकार के 890 कानून लागू हो गए हैं, राज्य के 164 कानून खत्म किए गए हैं, 138 कानूनों में सुधार किया गया है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था में सुधार कर अधिक से अधिक जरूरतमंदों को लाभ पहुँचाया गया है। इसके अलावा, तमाम सरकारी योजनाएं लोगों तक पहुंचाने के साथ जम्मू, कश्मीर, लद्दाख को “इन्वेस्टमेंट हब” बनाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।

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