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राज्यसभा ने वेंकैया नायडू को दी भावभीनी विदाई

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नई दिल्ली: राज्य सभा (Rajya Sabha) ने सोमवार को निवर्तमान सभापति एम वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) को भावभीनी विदाई दी तथा सदन के कामकाज को सुचारू रूप से संचालित करने में उनके नेतृत्व की सराहना की।

नायडू ने संसद के उच्च सदन में अपने विदाई भाषण (Farewell Speech) में कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी हैं शत्रु नहीं।

सदस्यों को इसी भावना के साथ सदन में व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्च सदन (Upper House) पर देश के सामने अच्छा उदाहरण पेश करने की विशेष जिम्मेदारी है।

सदन में शालीनता बनाये रखें

पूरी दुनिया आज भारत और उसके लोकतंत्र की ओर देख रही है। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि वे सदन की गरिमा और शालीनता बनाये रखें तथा राज्य सभा की छवि और सम्मान को सुरक्षित रखने में भूमिका निभायें।

उन्होंने सदस्यों से कहा कि वे प्रतिस्पर्धा (Competition) की भावना के अनुरूप एक-दूसरे से बढ़कर अपनी भूमिका निभायें बजाय इसके की वे एक-दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करें।

Naidu ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने देश के दक्षिणी, उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी सभी क्षेत्र के सदस्यों को अपनी बात कहने का पूरा मौका दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि संसद (Parliament) का काम अच्छी तरह चलता रहेगा।

राज्यसभा का कार्य निष्पादन 70 % बढ़ा

राज्य सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) , विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के डेरेय ओ ब्रायन ने सभापति के रूप में नायडू की भूमिका की सराहना की।

PM Modi ने सोमवार को उपराष्ट्रपति और Rajya Sabha के सभापति एम वेंकैया नायडू की सराहना करते हुए कहा कि वेंकैया जी के कार्यकाल के दौरान राज्यसभा का कार्य निष्पादन 70 % बढ़ा और सांसदों की उपस्थिति में भी वृद्धि दर्ज की गई। इस दौरान लगभग 177 विधेयक या तो पारित हुए या सदन में चर्चा हुई जो एक रिकॉर्ड है।

मातृभाषा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए PM मोदी ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू की तारीफ करते हुए कहा कि आपकी मौजूदगी में सदन की कार्यवाही के दौरान हर भारतीय भाषा (Indian language) को विशिष्ट अहमियत दी गई है।

में सभी भारतीय भाषाओं को आगे बढ़ने के लिए काम किया। सदन में हमारी सभी 22 शेड्यूल भाषाओं में कोई भी सदस्य बोल सकता है, उसका इंतजाम आपने किया।

संसद के कामकाज में सुधार लाने पर विशेष जोर दिया

खड़गे (Kharge) ने कहा कि नायडू को राजनीति और संसदीय जीवन का बहुत अनुभव है। उन्होंने संसद के कामकाज में सुधार लाने पर विशेष जोर दिया।

खड़गे ने कहा कि नायडू ने मुश्किलों और दबाव के बीच अपनी भूमिका का निर्वाह किया। उन्होंने संसद में महिलाओं के आरक्षण के लिए आमराय बनाने की पुरजोर वकालत की।

उपराष्ट्रपति और राज्य सभा (Vice President-Rajya Sabha) के सभापति के रूप में उनका कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो रहा है।

नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) गुरुवार 11 अगस्त को उनका स्थान लेंगे।

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