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यह रत्न फर्श से पहुंचा देगा अर्श पर,मगर गलती हो गई तो अर्श से फिर फर्श पर

Neelam Gemstone Benefits : हमारे भारत में ज्योतिष विद्या (Astrology) के अनुसार अलग अलग राशि वालें और अलग दोष वाले लोगों के लिए बहुत सारे रत्नों के बारे में बताया जाता है।

रत्न और ज्योतिष का परस्पर धनिष्ठ संबंध है। आज हम आपको नीलम रत्न (Sapphire Gemstone) के वाले में बता रहे हैं। कौन सी राशि वालें लोग इस रत्न को पहन सकते हैं।

यह रत्न फर्श से पहुंचा देगा अर्श पर,मगर गलती हो गई तो अर्श से फिर फर्श पर-This gem will take you from the floor to the throne, but if a mistake is made then from the throne to the floor again.

नीलम रत्न के लाभ

नीलम रत्न व्यक्ति को 24 घंटे के अदंर प्रभाव दिखा देता है। मतलब अगर नीलम आपको सूट कर रहा है तो आपका कोई रुका हुआ काम बन सकता है।

साथ ही इसके प्रभाव से आपको शारीरिक समस्याओं (Physical Problems) से छुटकारा मिलता है। यानी आप बीमार हैं या किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या आपको है तो वो दूर हो सकती है।

वहीं आपको करियर और कारोबार में सफलता मिल सकती है। साथ ही अगर नीलम आपको सूट नहीं कर रहा है तो आपके साथ कोई दुर्घटना हो सकती है। साथ ही आपको आकस्मिक धन की हानि हो सकती है। कोई योजना असफल हो सकती है।

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कौन धारण नहीं कर सकता नीलम

रत्न शास्त्र के मुताबिक मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि के लोगों को नीलम नहीं पहनना चाहिए। क्योंकि इस राशियों के स्वामी शनि देव से शत्रुता का भाव रखते हैं।

इसलिए अगर आप नीलम धारण करेंगे तो करियर और कार्यक्षेत्र में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं आकस्मिक धन की हानि हो सकती है। कोई दुर्घटना हो सकती है। साथ ही घर की सुख- शांति भी जा सकती है।

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कब धारण नहीं करें नीलम

अगर जन्मकुंडली में शनि देव नीच यानी कि अशुभ स्थित हैं तो भी नीलम धारण (Wearing Sapphire) नहीं करना चाहिए।

साथ ही कुंडली में शनि-राहु, शनि-मंगल कुंडली (Saturn-Rahu, Saturn-Mars horoscope) के छठवें, आठवें और बारहवें भाव में स्थित हों तो भी नीलन रत्न नहीं धारण करना चाहिए। साथ ही नीलम के साथ माणिक्य, मोती और मूंगा नहीं पहनना चाहिए।

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वहीं अगर शनि देव तुला राशि (Libra) में विराजमान हैं तो नीलम धारण कर सकते हैं। क्योंकि तुला में शनि उच्च के होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।

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