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प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन बने BHU के कुलपति

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नई दिल्ली: प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन बीएचयू के 28वें कुलपति बन गए हैं। शुक्रवार को उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार संभाला।

इस दौरान प्रोफेसर जैन ने कहा कि वह समावेशिता, पारदर्शिता, सामूहिकता और पारस्परिक सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देंगे।

इससे पहले प्रोफेसर जैन ने 12 वर्षों तक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर के संस्थापक निदेशक के रूप में कार्य किया है।

उन्हें वर्ष 2020 में भारत सरकार द्वारा विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।

प्रोफेसर जैन भूकंप अभियांत्रिकी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान हैं। जैन ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के 28वें कुलपति के रूप में पदभार ग्रहण किया है।

बीएचयू के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय जी के एक शताब्दी से भी पूर्व के समावेशिता, महानता और उत्कृष्टता के ²ष्टिकोण का आह्वान करते हुए,

प्रो. जैन ने विश्वविद्यालय परिवार को दिए अपने संदेश में, इस विशिष्ठ संस्थान को विश्व के महान विश्वविद्यालयों की श्रेणी में स्थापित करने के हमारे साझा लक्ष्य में परामर्श, समावेशिता, पारदर्शिता, सामूहिकता और पारस्परिक सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।

प्रो. जैन ने कहा कि छात्र शैक्षिक संस्थानों के हृदय होते हैं, और नए पाठ्यक्रम एवं सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों के साथ उनके शैक्षणिक अनुभव और सामुदायिक जीवन का उत्थान हमारे संकाय सदस्यों और मेरे प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

उन्होंने बीएचयू के शिक्षकों और कर्मचारियों से विश्वविद्यालय की क्षमता और उम्मीदों को साकार करने के लिए व्यक्तिगत, सामूहिक और सहयोगात्मक रूप से कदम बढ़ाने का आह्वान किया।

प्रो. जैन ने बीएचयू के कुलगुरू प्रो वी. के. शुक्ल, जो पिछले करीब दस महीने से बीएचयू में कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्य कर रहे थे, को उनकी सेवाओं और योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

डॉ. जैन ने भारत में भूकंप अभियांत्रिकी की कार्यप्रणाली और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

उन्होंने भारत में कई महत्वपूर्ण भूकंपीय कोड के विकास में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है और अपने सतत् शिक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से भूकंप अभियांत्रिकी में हजारों पेशेवर अभियंताओं और कॉलेज के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है।

आईआईटी कानपुर में भूकंप अभियांत्रिकी के राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसीईई) की स्थापना की और भारत सरकार द्वारा समर्थित राष्ट्रीय भूकंप इंजीनियरिंग शिक्षा कार्यक्रम (एनपीईईई) विकसित किया।

डॉ. जैन को वर्ष 2021 में यूएस नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के एक अंतरराष्ट्रीय सदस्य (आज तक भारत से चुने गए केवल 18 लोगों में से एक) के रूप में चुना गया था।

उन्हें वर्ष 2019 में अकादमिक या अनुसंधान उत्कृष्टता के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की से विशिष्ट पूर्व छात्र सम्मान प्राप्त हुआ है।

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