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अब ये वजह बन सकती है अडानी के शेयरों में गिरावट की वजह

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नई दिल्ली: पिछले दो ट्रेडिंग सेशंस (Trading Sessions) में अडानी समूह (Adani Group) के शेयरों में हुई भारी बिकवाली ने निवेशकों को डरा दिया है।

हिंडनबर्ग (Hindenburg) की रिपोर्ट के बाद अब एक और अमेरिकी फर्म मॉर्गन स्टेनली कैपिटल इंटरनेशनल (MSCI) अडानी के शेयरों के भाव गिरने की वजह बन सकती है।

MSCI एक इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म है जो स्टॉक इंडेक्सेज प्रोवाइड कराती है। MSCI ने कहा कि उसने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर अडानी ग्रुप पर मार्केट पार्टिसिपेंट्स (Market Participants) से फीडबैक मांगा है।

बुरा फीडबैक मिलने पर MSCI इंडेक्स (MSCI Index) में अडानी ग्रुप की कंपनियों का वेटेज कम किया जा सकता है। इससे अडानी के शेयरों में और गिरावट देखने को मिलेगी।

नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च ने किया एक विश्लेषण

इस समय अडानी ग्रुप की आठ कंपनियां MSCI स्टैंडर्ड सूचकांक का हिस्सा हैं। अडानी ग्रुप पर बुरा फीडबैक (Bad Feedback) मिलने पर वेटेज कम करने के अलावा कंपनियों को इंडेक्स से बाहर भी किया जा सकता है।

नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च (Nuwama Alternative & Quantitative Research) ने एक विश्लेषण किया है।

इसमें MSCI द्वारा की जा सकने वाली संभावित कार्रवाइयों के बारे में बताया गया है। विश्लेषण के अनुसार MSCI इन कंपनियों के स्टॉक्स के वेटेज को आधे से कम कर सकती है।

रिसर्च फर्म के अनुसार अगर वेटेज कम हुआ तो अडानी के शेयरों में 1.5 अरब डॉलर (122.28 अरब रुपये) की बिकवाली हो सकती है।

अडानी ग्रुप से जुड़ी 8 कंपनियां MSCI स्टैडर्ड इंडेक्स का हिस्सा

इस समय अडानी ग्रुप और इससे जुड़ी 8 कंपनियां MSCI स्टैडर्ड इंडेक्स का हिस्सा हैं। इनकी कुल वेटेज 5.75 फीसदी है। शुक्रवार को कुल वैल्यू 3.5 अरब डॉलर थी।

सबसे खराब स्थिति में इंडेक्स प्रोवाइडर MSCI जीरो वैल्यू पर कुछ शेयरों को इंडेक्स से हटा भी सकता है। नुवामा ने कहा कि मार्च 2022 में MSCI ने जीरो वैल्यू पर रूसी शेयर को हटाकर इस तरह की कार्रवाई की गई थी क्योंकि वह अन-इन्वेस्टेबल हो गया था।

नुवामा ने कहा कि यदि अडानी के शेयरों में अस्थिरता अगले हफ्ते भी जारी रहती है। साथ ही मार्केट पार्टिसिपेंट्स का कॉमन फीडबक बहिष्कार की ओर रहता है तो MSCI इन शेयरों को पूर्व घोषणा के साथ बाहर कर सकता है।

हालांकि अगर स्टॉक्स की कीमतें सोमवार को स्थिर हो जाती हैं तो MSCI कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है और स्टॉक्स इंडेक्स का हिस्सा बने रहेंगे।

मान लीजिए इंडेक्स प्रोवाइडर शेयरों को इंडेक्स से बाहर करना चाहता है। लेकिन कुछ शेयर बिना किसी लिक्विडिटी के लोअर सर्किट पर ट्रेड करना जारी रखते हैं तो काउंटर पर पर्याप्त लिक्विडिटी दिखाई देने तक MSCI उनके बहिष्करण को स्थगित कर सकता है।

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