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अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस को शूटरों के 4 नंबरों का चला पता

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प्रयागराज: अतीक-अशरफ हत्याकांड (Ateeq-Ashraf murder case) की विवेचना में जुटा विशेष जांच दल (SIT) को शूटरों के चार मोबाइल नंबर का पता चला है।

इनमें लवलेश तिवारी व अरुण मौर्य (Lavlesh Tiwari and Arun Maurya) का मोबाइल नंबर शामिल है। इन नंबरों की कॉल डिटेल रिपोर्ट भी मिल गई है और अब अफसर इसके जरिए साजिश का भंडाफोड़ करने में जुटे हैं।

एसआईटी अब तक हत्या की मूल वजह का नहीं लगा पाई पता

पुलिस CDR के जरिए पता लगाने में जुटी है कि वारदात से पहले शूटरों (Shooters) ने किससे कितनी बार बात की। कौन से ऐसे नंबर हैं, जिनसे शूटर लगातार संपर्क में रहे। यह भी देखा जा रहा है कि शूटरों ने किसे फोन किया और उनके पास किसकी Call आई। CDR के विश्लेषण से ही इन सवालों का जवाब मिलेगा।

सूत्रों का कहना है कि इसके बाद ही पता चला कि हत्याकांड के पीछे कोई साजिश है या नहीं। दरअसल हत्याकांड को 13 दिन बीतने के बाद भी SITT अब तक हत्या (Murder) की मूल वजह का पता नहीं लगा पाई है। विवेचना के क्रम में उसके पास अब तक शूटरों का बयान ही है, जिसमें उन्होंने खुद से ही वारदात अंजाम देने की बात कही है।

अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस को शूटरों के 4 नंबरों का चला पता-Police engaged in the investigation of Atiq-Ashraf murder case came to know of 4 numbers of shooters

24 अन्य लोगों को नोटिस जारी

विवेचना के क्रम में SIT अब तमाम उन लोगों के बयान दर्ज करने में जुटी है, जो केस से संबंधित हैं। इसके तहत ही 24 अन्य लोगों को नोटिस जारी किया गया है। इनमें पुलिसकर्मियों के साथ ही मीडियाकर्मी, (Media Person) पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर व अन्य लोग शामिल हैं।

गौरतलब है कि वारदात के वक्त मौके पर मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं। शूटरों (Shooters) ने घर के पते को लेकर किया था फर्जीवाड़ा, लगाया था फर्जी आधार

तीनों का पता चित्रकूट ही था दर्ज

शूटरों ने होटल में रुकने के दौरान फर्जी आधार का इस्तेमाल किया था। उनके दिए आधार में नाम व पिता का नाम तो सही था लेकिन पता गलत था। दरअसल तीनों का पता चित्रकूट (Chitrakoot) ही दर्ज था।

जबकि तीनों अलग-अलग जनपदों के रहने वाले हैं। पुलिस ने इसे लेकर मुकदमे में दस्तावेजाें की कूटरचना से संबंधित धाराएं बढ़ा दी हैं। इसके अतिरिक्त अवैध असलहे (Illegal Firearms) मिलने पर आर्म्स एक्ट का मुकदमा पहले ही दर्ज किया जा चुका है

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