Latest Newsबिहारबिहार में जदयू की सवर्णो को साधने की तैयारी !

बिहार में जदयू की सवर्णो को साधने की तैयारी !

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

पटना: बिहार में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कम सीटें मिलने के बाद से ही जनता दल (युनाइटेड) अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटी है।

इसी को लेकर पार्टी की नजर अब सवर्ण मतदाताओं पर टिकी हुई है।

केंद्र द्वारा सामान्य जातियों के आर्थिक रूप से कमजेार वर्ग के लिए आरक्षण देने के बाद राजनीतिक दलों की नजर सवर्ण मतदताओं पर पड़ी है।

आमतौर पर देखा जाता है कि राजनीतिक दल अपने संगठन में पिछड़ा प्रकोष्ठ, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, दलित प्रकोष्ठ, महादलित प्रकोष्ठ सहित कई प्रकोष्ठों का गठन तो करते हैं, लेकिन सवर्ण प्रकोष्ठ का गठन नहीं किया जाता था। इस बीच जदयू ने संगठन में सवर्ण प्रकोष्ठ का गठन कर सवर्णों पर डोरे डालने में जुटी है।

जदयू ने सवर्ण प्रकोष्ठ का अध्यक्ष नीतीश कुमार विमल को बनाया है। जदयू के पूर्व अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह एक बड़ी रणनीति बताई जा रही है।

आमतौर पर सवर्ण मतदाताओं को भाजपा का वोट बैंक माना जाता है, ऐसे में जदयू की नजर अपनी ही सहयोगी पार्टी भाजपा के वोट बैंक पर है।

कहा जा रहा है कि अन्य जातीय समीकरण को साधने के बाद अब जदयू की नजर सवर्ण पर जा टिकी है। जदयू ने चुनाव के बाद अपने संगठन में बदलाव करते हुए नीतीश कुमार की जगह राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी आर सी पी सिंह को दी गई है। सिंह लगातार अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटे हैं।

सवर्ण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष नीतीश कुमार विमल कहते हैं कि पार्टी उच्च जाति के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं ओर मुद्दों को जानने की कोशिश करेगी।

उनका कहना है कि प्रकोष्ठ यह प्रयास करेगी कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ सवर्णो तक भी पहुंचे।

इधर, पूर्व मंत्री और विधान पार्षद नीरज कुमार कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहचान अलग राजनीतिज्ञ के रूप में रही है।

उन्होंने कहा कि सामान्य जाति के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आारक्षण देने के पूर्व से ही सवणों के कल्याण के लिए बिहार में काम होते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इसी कार्यक्रम में आगे बढ़ाने के लिए पार्टी ने सवर्ण प्रकोष्ठ का गठन किया है।

सूत्रों का कहना है कि बिहार में सवर्ण मतदाताओं की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन कई क्षेत्रों में सवर्ण मतदाता चुनाव परिणामों को प्रभावित करते रहे हैं।

संभावना व्यक्त की जा रही है कि अन्य राजनीतिक दल भी अब ऐसा करेंगे।

बिहार में सवर्णो में आमतौर पर चार जातियों ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत और कायस्थ को माना जाता है। बिहार में इनकी कुल आबादी करीब 19 प्रतिशत के करीब मानी जाती है।

पहले इन मतदाताओं का वोट कांग्रेस को जाता रहा है, जो फिलहाल भाजपा की ओर शिफ्ट हुआ है। जदयू और भाजपा में गठबंधन है।

सवर्ण मतदाता भाजपा के वोटबैंक माने जाते हैं। ऐसी स्थिति में सवर्ण मतदाताओं का लाभ भाजपा को मिलता रहा है। जदयू अब इसी पर नजर गड़ाए हुए हैं।

जदयू के एक नेता भी कहते हैं कि बिहार में प्रारंभ से ही जातीय आधार पर ही चुनाव के परिणाम सामने आते रहे हैं। ऐसे में हर पार्टी जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति तैयार करती है।

spot_img

Latest articles

कुमार सानू ने EX वाइफ के खिलाफ दायर किया मानहानि का मुकदमा

Kumar Sanu Files Defamation Case : बॉलीवुड के मशहूर सिंगर कुमार सानू उर्फ सानू...

हिजाब विवाद के बाद नीतीश कुमार की सुरक्षा हुई और कड़ी

Nitish Kumar's Security Beefed up after Hijab Controversy : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार...

नीतीश कुमार ने JDU कोष में दिया एक माह का वेतन

Nitish Kumar Donated one Month's Salary to the JDU fund : बिहार के मुख्यमंत्री...

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से NIT जमशेदपुर के निदेशक ने की मुलाकात

Director of NIT Jamshedpur met Chief Minister Hemant Soren : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant...

खबरें और भी हैं...

कुमार सानू ने EX वाइफ के खिलाफ दायर किया मानहानि का मुकदमा

Kumar Sanu Files Defamation Case : बॉलीवुड के मशहूर सिंगर कुमार सानू उर्फ सानू...

हिजाब विवाद के बाद नीतीश कुमार की सुरक्षा हुई और कड़ी

Nitish Kumar's Security Beefed up after Hijab Controversy : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार...

नीतीश कुमार ने JDU कोष में दिया एक माह का वेतन

Nitish Kumar Donated one Month's Salary to the JDU fund : बिहार के मुख्यमंत्री...