Liquor scam case: शराब घोटाले में फंसे कारोबारी विनय कुमार सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की स्पेशल कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। ACB ने कोर्ट में अपील की थी कि विनय के खिलाफ Arrest Warrant जारी किया जाए, क्योंकि वह बार-बार नोटिस मिलने के बावजूद Investigation के लिए पेश नहीं हो रहे।
विनय को अपनी गिरफ्तारी का डर सता रहा है। इस डर से बचने के लिए उन्होंने 29 मई को ACB कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई 20 जून को होगी। इस केस में अब तक एसीबी ने निलंबित IAS विनय चौबे समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
पहले भी हुईं गिरफ्तारियां
20 मई को ACB ने विनय चौबे और तत्कालीन जॉइंट कमिश्नर गजेंद्र सिंह को Arrest किया था। इसके अगले दिन यानी 21 मई को पूर्व GM फाइनेंस सुधीर कुमार दास, GM सुधीर कुमार और कर्मचारी नीरज कुमार सिंह को भी हिरासत में लिया गया। नीरज कुमार सिंह, जो एक प्लेसमेंट एजेंसी का कर्मचारी है, ने भी कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी है। उसे 21 मई को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
क्या है शराब घोटाला?
झारखंड में साल 2022 में छत्तीसगढ़ के मॉडल पर आधारित शराब नीति लागू की गई थी। इस नीति के तहत फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर दो प्लेसमेंट एजेंसियों को काम दिया गया। चाहे होलोग्राम बनाने वाली कंपनी हो, मैनपावर सप्लाई करने वाली फर्म हो या थोक शराब का ठेका लेने वाली कंपनी, सभी की इस घोटाले में संदिग्ध भूमिका सामने आई है।