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झारखंड सरकार को कोरोनाकाल में हुई शिक्षा व्यवस्था की चिंता, कुलपतियों के साथ की बैठक

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रांची : कोरोना महामारी के कारण झारखंड के सभी स्कूल-कॉलेज बंद हैं। स्टूडेंट्स की शिक्षा प्रभावित हो रही है।

ऐसे में राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक और अपर मुख्य सचिव ने आरयू समेत राज्य के सातों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ ऑनलाइन बैठक की।

इसमें कुल 12 मुद्दों पर राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से जानकारी मांगी गयी कि कोरोना के संक्रमणकाल में विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन का काम कैसे हो रहा है, शिक्षकों की क्या समस्या है।

बैठक में यह भी जानकारी ली गयी कि विश्वविद्यालयों में गरीब बच्चों के कल्याण के लिए प्रतियोगिता परीक्षा के लिए कोचिंग किस तरह आयोजित हो रही है।

इसपर रांची विश्वविद्यालय ने आंकड़ों के साथ अपनी बातों को रखा। इस दौरान शिक्षा विभाग के निदेशक ने सभी कॉलेजों में लाइब्रेरी और लैब को अपग्रेड करने पर बल दिया।

फिलहाल कोरोना के मद्देनजर तमाम विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन गतिविधि संचालित हो रही है। कोरोना की तीसरी लहर में पठन-पाठन किसी भी तरीके से बाधित न हो, इसकी भी समीक्षा इस बैठक के दौरान की गयी।

बैठक में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में निर्माण कार्य के लिए दिये गये पैसों का उपयोग कैसे हो रहा है और निर्माण कार्य कहां तक पहुंचा है, इसकी भी जानकारी ली गयी। साथ ही सातवां वेतनमान को लेकर भी पूरी जानकारी ली गयी है।

कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अपनी समस्याओं से हायर एजुकेशन के अधिकारियों को अवगत कराया।

बैठक में विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में क्लास 3 और 4 के पदों पर नियुक्ति के संबंध में जानकारी ली गयी।

विश्वविद्यालय के शिक्षकेतर कर्मियों को सातवां वेतनमान लागू करने के संबंध में भी विस्तृत बातचीत की गयी।

कोविड-19 संक्रमणकाल में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पठन-पाठन कैसे हो रहा है, विश्वविद्यालय महाविद्यालयों में प्लेसमेंट सेल किस तरह से काम कर रहा है, इसके साथ-साथ द्वितीय पाली में कक्षा संचालन के लिए रांची विश्वविद्यालय से वह प्रतिवेदन की पूरी जानकारी मांगी गयी है।

वित्त रहित महाविद्यालयों को अनुदान का उपयोगिता प्रमाणपत्र के बारे जानकारी मांगी गयी। इस दौरान लाइब्रेरी और लैब असिस्टेंट के लिए पदों की सूची मांगी गयी।

अधिकारियों ने कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से यह भी जानकारी मांगी कि पूर्व में दिये गये पैसों को किस तरह से खर्च किया गया है, साथ ही नैक मूल्यांकन पर भी जोर दिया गया। नैक मूल्यांकन को लेकर विश्वविद्यालयों को निर्देश भी दिया।

बैठक में रांची विश्वविद्यालय, सिदो-कान्हू विश्वविद्यालय, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, बिनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के कुलपति शामिल हुए।

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