झारखंड

पूर्व CM हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने छोड़ी पार्टी, इस तरह BJP का थामा दामन..

उन्होंने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है। सीता सोरेन शिबू सोरेन परिवार की बड़ी बहू और स्व। दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। मिल रही सूचना के अनुसार, नयी दिल्ली स्थित BJP के मुख्यालय में सीता सोरेन ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

Sita Soren Joined BJP: झारखंड की राजनीति में उस समय अचानक तहलका जैसी स्थिति सामने आ गई, जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की भाभी और JMM की विधायक सीता सोरेन (Sita Soren) ने पार्टी से त्यागपत्र देकर दिल्ली में BJP का दामन थाम लिया।

उन्होंने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है। सीता सोरेन शिबू सोरेन परिवार की बड़ी बहू और स्व। दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। मिल रही सूचना के अनुसार, नयी दिल्ली स्थित BJP के मुख्यालय में सीता सोरेन ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

झारखंड चुनाव प्रभारी व राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी और पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े ने उनका स्वागत किया।

क्या कहा सीता सोरेन ने…

BJP की सदस्यता ग्रहण करने बाद सीता सोरेन ने कहा कि झारखंड को बचाने के लिए वह भाजपा में शामिल हुई हैं। उनके ससुर शिबू सोरेन और पति दुर्गा सोरेन की अगुवाई में अलग झारखंड राज्य की लड़ाई लड़ी गई।

अलग झारखंड राज्य बना, लेकिन राज्य का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया। आज देश की जनता PM नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व पर भरोसा जाता रही है। मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर BJP में शामिल हो रही हूं।

नहीं मिला पार्टी की तरफ से सम्मान

सीता सोरेन ने कहा कि उन्होंने 14 सालों तक पार्टी की सेवा की। कहा कि इन 14 सालों में जो सम्मान मुझे मिलना चाहिए था वो आज तक नहीं मिला। जिसके कारण मुझे इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा। कहा कि उनके स्वर्गीय पति दुर्गा सोरेन ने काफी मेहनत से राजनीतिक जमीन तैयार की। लेकिन आज तक हम अछूते ही रहे हैं। पार्टी ने आज तक सम्मान भी नहीं दिया है।

नाराज थी सीता सोरेन

बता दें कि सीता सोरेन ने आज ही परिवार और पार्टी पर उपेक्षा का आरोप लगाकर जेएमएम के साथ विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया।

हेमंत सोरेन की भाभी के इस्तीफा देने के बाद से ही कयास लगाये जा रहे थे कि सीता सोरेन भाजपा में शामिल हो सकती हैं।

इन सभी कयासों पर अब पूर्ण विराम लग गया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो सीता सोरेन के BJP में जाने की पटकथा विगत कई महीनों से लिखी जा रही थी।

सीता सोरेन चंपाई सोरेन सरकार में मंत्री नहीं बनाये जाने से नाराज थी। लेकिन गुरु जी के दखल और समझाने के बाद सीता सोरेन चंपाई सोरेन सरकार को समर्थन दिया था।

परिवार और पार्टी की उपेक्षा से नाराज होकर सीता सोरेन ने जेएमएम और विधानसभा की सदस्यता छोड़ने का निर्णय लिया।

परिवार और पार्टी पर लगाया उपेक्षा का आरोप

बता दें कि सीता सोरेन ने अपने इस्तीफा में लिखा कि आदरणीय गुरुजी बाबा केंद्रीय अध्यक्ष, झारखंड मुक्ति मोर्चा।

मैं सीता सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय महासचिव एवं सक्रिय सदस्य वर्तमान विधायक हूं, आपके समक्ष अत्यंत दुखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा प्रस्तुत कर रही हूं।

मेरे स्वर्गीय पति, दुर्गा सोरेन, जो कि झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे, के निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहे हैं।
पार्टी और परिवार के सदस्यों ने हमें अलग-थलग कर दिया है। जो कि मेरे लिए अत्यंत पीड़ादायक रहा है।मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेगी, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ।

झारखंड मुक्ति मोर्चा जिसे मेरे स्वर्गीय पति ने अपने त्याग समपर्ण और नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था आज वह पार्टी नहीं रहीं, मुझे यह देखकर गहरा दुःख होता है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गयी है।

जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते।

शिबू सोरेन के प्रयास भी विफल रहें

श्री शिबू सोरेन (गुरूजी बाबा के) अथक प्रयासों के बावजूद जिन्होंने हम सभी को एक जुट रखने के लिए कठिन परिश्रम किया, अफसोस कि उसके प्रयास भी विफल रहें।

मुझे हाल ही में यह ज्ञात हुआ है कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भी एक गहरी साजिश रची जा रही है। मैं अत्यंत दुखी हूं।

मैंने यह दृढ़ निश्चय किया है कि कि मुझे झारखंड मुक्ति मोर्चा और इस परिवार को छोड़ना होगा। अत: मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं।

आप से निवेदन करती हूं कि मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाये। मैं आपकी और पार्टी की हमेशा अभारी रहूंगी। मेरी शुभकामनाएं सदैव आपके साथ रहेंगी।

 

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