झारखंड

वकील पर फायरिंग मामले में 3 आरोपियों को पुलिस ने दबोचा, 3 मोबाइल और…

सुखदेवनगर (Sukhdevnagar) थाना क्षेत्र के संस्कृत कॉलेज के पास अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा पर हुए Firing मामले का रांची पुलिस ने खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

Firing on Lawyer in Ranchi: सुखदेवनगर (Sukhdevnagar) थाना क्षेत्र के संस्कृत कॉलेज के पास अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा पर हुए Firing मामले का रांची पुलिस ने खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपितों में Sukhdevnagar निवासी विक्रम अग्रवाल, कांके निवासी संजय अग्रवाल और बिहार के पटना निवासी रामु कुमार शामिल है। इनके पास से तीन मोबईल फोन और एक खोखा शामिल है।

SSP चंदन कुमार सिन्हा ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 11 फरवरी की रात सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के संस्कृत कॉलेज के समीप अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा को अपने दोस्त विक्रम अग्रवाल से मिलकर लौटने के क्रम में अपराधियों ने गोली मार दी थी।

SSP ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली DSP प्रकाश सोय के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जांच के क्रम में खुलासा हुआ है कि पैसे के लेन-देन के विवाद में रवि मिश्रा के दोस्त विक्रम अग्रवाल ने गोलीबारी की साजिश रची थी।

SSP ने बताया कि विक्रम अग्रवाल ने रवि मिश्रा से दस लाख रूपया यह कहकर लिया गया था कि दस लाख के बदले तीन माह में तीस लाख रूपया देगा। इसके बदले विक्रम अग्रवाल के जरिये बीस लाख रूपया तक लौटा भी दिया गया था। फिर भी अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा तीस लाख रूपया मांग रहा था, लेकिन इसी बीच विकम अग्रवाल कोलकाता के सॉल्ट लेक की जो 63 कट्टा जमीन है, उसको बंधक रखकर प्राईवेट कम्पनी से 30 करोड़ रूपया लोन ले रहे थे।

इसकी जानकारी अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा को हो गयी, तो वह 30 लाख की जगह एक करोड़ मांगने लगे और पिछले दो तीन माह से पैसा के लिए ज्यादा ही दबाव देने लगा था। इसपर विकम अग्रवाल ने अपने परिचित संजय अग्रवाल से अपनी इस परेशानी के बारे में बताया और रवि शंकर मिश्रा को रास्ते से हटाने के लिए आदमी खोजने लगा। इसपर संजय अग्रवाल ने उसके साथ कबाड़ी का व्यापार करने वाले अरबिन्द महतो से सम्पर्क किया।

SSP ने बताया कि रवि मिश्रा की हत्या के लिए पांच लाख रुपया में तय हुआ। एडवांस के रूप में विकम अग्रवाल के जरिये 55 हजार रूपया संजय अग्रवाल के माध्यम से अपराधियों को भेजा गया। बाकी पैसा काम पूरा होने के बाद देने की बात तय हुई थी। घटना के दिन योजना के अनुसार रात रवि शंकर मिश्रा को विकम अग्रवाल के जरिये पैसा का हिसाब किताब कर लेने की बात को लेकर बुलाया गया। इसकी जानकारी अपराधियों को भी दी गयी।

इसके बाद जैसे ही अधिवक्ता रवि मिश्रा और विक्रम अग्रवाल के घर से निकले तो घात लगाये अपराधियों ने रवि शंकर मिश्रा पर पीछे से फायरिंग कर दी। इसमें अधिवक्ता रवि शंकर मिश्रा को कमर के ऊपर गोली लगी और वे भागकर फिर से अपने मित्र विकम अग्रवाल के घर में घुस गये। उसके बाद अधिवक्ता (Advocate) को इलाज के लिए विकम अग्रवाल और उसके भाई पल्स अस्पताल ले गये थे।

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