किसानों के दिल्ली प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: लिया संज्ञान, जनता को असुविधा…

News Aroma Desk

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ (D.Y. Chandrachur) को पत्र लिखकर दिल्ली में जबरन प्रवेश करने की कोशिश करने वाले किसानों के खिलाफ स्वत: संज्ञान कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया।

CJI को लिखे पत्र में, SCBA के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि यह सही समय है जब सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये किसान कोई उपद्रव न करें और सामान्य जनता को असुविधा न पहुंचाएं।

विरोध आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राजनीति से प्रेरित

पत्र में कहा गया है,“संदेह है कि यह विरोध आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले राजनीति से प्रेरित है। भले ही किसानों की वास्तविक मांगें हों, फिर भी उन्हें आम जनता को परेशानी में डालने का अधिकार नहीं है।”

इसमें कहा गया है कि विरोध करने के उनके अधिकार को आम नागरिकों के बिना किसी समस्या के अपना जीवन जीने के अधिकार में बाधा डालने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

पत्र में आगे कहा गया है,“भारत सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार न कर तथाकथित किसान नेताओं ने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, Jammu and Kashmir और हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए समस्याएं पैदा करने के लिए ही दिल्ली जाने का फैसला किया है। यदि वे अभी भी विरोध पर अड़े हैं, तो उन्हें अपने मूल स्थानों पर विरोध करना चाहिए।”

दिल्ली की सीमाओं पर जनता की मुक्त आवाजाही प्रभाव‍ि‍त

यह कहते हुए कि Supreme Court, दिल्ली उच्च न्यायालय, विभिन्न आयोगों और न्यायाधिकरणों व जिला न्यायालयों में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को अदालती कार्यवाही में भाग लेने के लिए बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, SCBA अध्यक्ष अग्रवाल ने CJI से अनुरोध किया कि वे सभी संबंधितों को निर्देश जारी करें कि वे किसी भी मामले में उपस्थित न होने के कारण प्रतिकूल आदेश पारित न करें” जब तक कि किसानों के आंदोलन के कारण Delhi की सीमाओं पर जनता की मुक्त आवाजाही प्रभाव‍ि‍त है।

इसके अलावा, उन्होंने CJI से अनुरोध किया कि “उपद्रव पैदा करने और नागरिकों के दैनिक जीवन को परेशान करने के लिए जबरन Delhi में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले दोषी किसानों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करें।”

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