भारत

फिर मंहगी होगी रसोई गैस, सरकार पूरी तरह खत्म कर सकती है सब्सिडी

अगस्त में कच्चे तेल के दाम 74.22 डॉलर प्रति बैरल थे, सितंबर में पार कर सकते हैं 75 डॉलर

नई दिल्ली: पिछले एक सप्ताह से जहां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है, वहीं रसोई गैस सिलेंडर के दाम भी बढ़ाने पर सरकार ‎विचार कर सकती है। रसोई गैस की कीमतें एक हजार का आंकडा पार कर सकती है।

वैसे 18 दिन से स्थिर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में शुक्रवार को बदलाव से इसकी शुरुआत भी हो गई है।

पिछले दस दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है। कच्चे तेल की कीमत अगस्त में कच्चे तेल के दाम 74.22 डॉलर प्रति बैरल थे।

सितंबर में कच्चे तेल के दाम 75 डॉलर पार सकते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का रुझान जारी रहता है, तो इसका असर तेल की कीमतों पर होगा।

ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ सकते हैं।

कच्चे तेल और अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमत बढ़ती है, तो रसोई गैस भी मंहगी होगी

अमेरिका के तेल भंडार के तीन वर्ष के निचले स्तर पर आने तथा प्राकृतिक गैस के उत्पादन में कमी के कारण पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में तेजी आई है।

कच्चे तेल और अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमत बढ़ती है, तो रसोई गैस भी मंहगी होगी।

इसके साथ सरकार रसोई गैस सब्सिडी को भी पूरी तरह खत्म कर सकती है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सब्सिडी सिर्फ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को दी जा सकती।

वहीं सरकार के आंतरिक सर्वे में यह बात मानी गई है कि उपभोक्ता एक हजार रुपए का सिलेंडर खरीद सकते हैं।

मंत्रालय ने अभी तक इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं किया है, पर जल्द ही सरकार इन बारे में कोई निर्णय कर सकती है।

इस साल एक जनवरी के बाद राजधानी दिल्ली में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 190.50 रुपए बढ़ी है, जबकि पिछले साल से कीमत दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है।

इस वक्त देश के चुनिंदा राज्यों में उपभोक्ताओं को एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी का लाभ मिल रहा है।

इनमें लद्दाख, लक्ष्यद्वीप, अंडमान निकोबार, उत्तर पूर्व के राज्य और कुछ राज्यों के पिछडे़ क्षेत्र शामिल हैं। सब्सिडी पर सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021 के दौरान डीबीटी के तहत 3559 रुपए खर्च किए हैं।

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