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कप्तान बना तो अपने तरीके से टीम की करेंगे अगुवाई: हार्दिक पंड्या

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नेपियर: हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) को पूरा विश्वास है कि अगर उन्हें सबसे छोटे प्रारूप की कप्तानी सौंपी जाती है तो वह सभी खिलाड़ियों को साथ में लेकर चलने का कौशल रखते हैं।

बड़ौदा के इस ऑलराउंडर (All Rounder) की अगुवाई में भारत ने न्यूजीलैंड से बारिश से प्रभावित T20 श्रृंखला 1-0 से जीती। उन्हें रोहित शर्मा की जगह सबसे छोटे प्रारूप में कप्तानी संभालने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

पंड्या ने कहा कि अगर उन्हें भविष्य में कप्तान बनाया जाता है तो वहां अपने तरीके से टीम की अगुवाई करेंगे और उनकी टीम वैसे ही क्रिकेट खेलेगी जिस तरीके को वह सर्वश्रेष्ठ मानते हैं।

पंड्या की कप्तान (Pandya Captain ) के रूप में T20 श्रृंखला में यह दूसरी जीत है। इससे पहले उनकी अगुवाई में भारत ने जून में आयरलैंड को हराया था। सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री जैसे पूर्व क्रिकेटर उन्हें भावी कप्तान के रूप में देखते हैं।

बारिश से प्रभावित तीसरा मैच टाई छूटने के बाद पंड्या ने इस संदर्भ में कहा,‘‘ अगर लोग कहते हैं तो आपको अच्छा लगता है लेकिन जब तक इसकी घोषणा नहीं होती आप कुछ नहीं कह सकते।’’

उन्होंने कहा,‘‘ इमानदारी से कहूं तो मैं चीजों को सरल बनाए रखता हूं। मैं एक मैच में कप्तानी करूं या श्रृंखला में मैं अपने तरीके से टीम की अगुआई करूंगा। जब भी मुझे मौका दिया गया तो मैंने वैसे ही क्रिकेट खेली जैसा मैं जानता हूं। ’’

विकेटकीपर (Wicket Keeper) बल्लेबाज संजू सैमसन और तेज गेंदबाज उमरान मलिक को श्रृंखला के दौरान मौका नहीं मिला लेकिन पंड्या ने कहा कि प्रत्येक खिलाड़ी के पास पर्याप्त मौके मिलने के लिए पर्याप्त समय है।

पंड्या ने कहा…

उन्होंने कहा,‘‘ अगर यह तीन मैच की बजाए बड़ी श्रृंखला होती तो हम उनको जरूर मौका देते। मैं कम मैचों की श्रृंखला में लगातार बदलाव में विश्वास नहीं रखता।’’

पंड्या ने कहा,‘‘ ऐसी स्थिति को संभालना मुश्किल नहीं होता है जहां खिलाड़ी सुरक्षित महसूस करते हैं। मेरे सभी खिलाड़ियों के साथ बहुत अच्छे संबंध है और जिन खिलाड़ियों को मैं मौका नहीं दे पाया वह भी जानते हैं कि यह व्यक्तिगत नहीं है। टीम संयोजन के कारण मैं उनको मौका नहीं दे पाया।’’

उन्होंने कहा,‘‘अगर किसी खिलाड़ी को अन्यथा महसूस होता है तो मेरे दरवाजे हमेशा खुले हैं। वह आकर मुझसे बात कर सकता है। मैं उनकी भावनाओं को समझता हूं। संजू सैमसन का मामला (sanju samson case) दुर्भाग्यपूर्ण है। हम उसे खिलाना चाहते थे लेकिन कुछ रणनीतिक कारणों से हम उसे अंतिम एकादश में जगह नहीं दे पाए।’’

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