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क्या अब तो लागू हो ही जाएगा इस राज्य में कॉमन सिविल कोड, क्योंकि…

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नई दिल्ली : Uttarakhand देश का पहला ऐसा राज्य है जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code), समान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा।

इसके लिए करीब दो लाख 31 हजार सुझावों पर अंतिम मुहर लग गई है लेकिन इसे लेकर अब सियासी बयानबाजी तेज होती जा रही है।

एक तरफ विपक्ष भी इसे लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है तो वहीं इसपर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) ने कड़ा विरोध जताया है।

पहले मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि 1300 साल से किसी सरकार ने Muslim Personal Law नहीं छेड़ा।

वहीं इसके बाद अब मौलाना तौकीर रजा ने उत्तराखंड के धामी सरकार को धमकी दी है।

हम उत्तराखंड सरकार का करेंगे घेराव

बरेली वाले इत्तेहाद-ए- मिल्लत काउंसिल (Ittehad-e-Millat Council) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने इसे BJP का चुनावी स्टंट करार दिया।

उन्होंने कहा कि चुनावी फायदे के लिए BJP ये सब कर रही है।

मौलाना तौकीर रजा ने धमकी देते हुए कहा, “हमने भी चूड़ियां नहीं पहन रखी है। अगर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया तो हम उत्तराखंड सरकार का घेराव करेंगे।”

बोर्ड ने इसे लेकर केंद्र सरकार को दी नसीहत

Muslim Personal Law Board ने समान नागरिक संहिता का कड़ा विरोध किया है और कहा है कि देश के लिए यह अनावश्यक, अव्यावहारिक और हानिकारक है।

बोर्ड ने इसे लेकर केंद्र सरकार (Central Government) को नसीहत दी है कि संसाधनों को बर्बाद करके देश में फूट का कारण ना बनें।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) ने इस मामले में एक प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें लिखा है-हमारा देश बहु-धार्मिक, बहु-सांस्कृतिक और बहु-भाषाई है और यही विविधता इसकी खास पहचान है।

देश के संविधान निर्माताओं ने इसी विशिष्टता को ध्यान में रखते हुए धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता (Religious & Cultural Freedom) को मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) के रूप में संरक्षण दिया है।

इसके अलावा, संविधान के अनुच्छेद 371-A और 371-G में उत्तर-पूर्वी राज्यों के आदिवासियों को गारंटी दी गई है कि संसद ऐसा कोई भी कानून नहीं बनाएगी जो उनके फैमिली कानूनों को निरस्त करता हो।

लेफ्ट पार्टियां भी बता रही UCC को RSS का एजेंडा

सिर्फ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ही नहीं, मुस्लिम उलेमाओं और धर्मगुरुओं ने भी Uniform Civil Code को लेकर विरोध की आवाज तेज कर दी है।

विपक्षी दलों ने भी Uniform Civil Code को BJP और RSS का एजेंडा बताते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है।

कांग्रेस जहां इसे असल मुद्दों से देश का ध्यान भटकाने का आरोप लगा रही है,.तो लेफ्ट पार्टियां भी Uniform Civil Code को RSS का एजेंडा बता रही हैं।

शशि थरूर ने कहा है कि,ये पॉलिटिकल एजेंडा लग रहा है क्योंकि देश में सिर्फ एक ही राजनीतिक दल है जिसके मेनिफेस्टो में लगातार Uniform Civil Code की बात रहती है वो BJP है।

नेहरू जी ने खुद दशकों पहले इसे DESIRABLE बताया था लेकिन इसे लोगों पर थोप नहीं सकते, आपको सबको साथ लेकर चलना है। हमारे सामने कई अहम मुद्दे हैं जिसपर देश में आज फोकस करने की जरूरत है।

थरूर ने कहा देश में बेरोजगारी है, नौकरी की कमी है, आम लोगों के लिए जरूरी चीजें है।

सरकार को इन मुद्दों से भटकाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए और जो लोगों के लिए जरूरी है उसपर फोकस होना चाहिए।

RJD भी UCC के विरोध में खड़ी

सिर्फ कांग्रेस और लेफ्ट ही नहीं, लालू की पार्टी RJD भी Uniform Civil Code के विरोध में खड़ी हो गई है।

पार्टी का कहना है कि आज देश के सामने जब महंगाई और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों पर रोडमैप की जरूरत है, तब सरकार Uniform Civil Code के अपने एजेंडे को पूरा करने में जुटी है।

विपक्षी दल Uniform Civil Code को लेकर शुरू हुई लॉ कमीशन (Law Commission) की कवायद को आने वाले विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव से भी जोड़ रहे हैं।

उनका आरोप है कि हिंदू वोट बैंक के लिए BJP का ये सारा खेल है।

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