बिजनेस

रेटिंग एजेंसी S&P ने कहा, ऋण वृद्धि को धीमा करने के लिए मजबूर हो सकते हैं बैंक

चालू वित्त वर्ष में भारतीय बैंकों की ऋण वृद्धि, लाभप्रदता और संपत्ति की गुणवत्ता (Asset Quality) मजबूत रहेगी, जो मजबूत आर्थिक वृद्धि को दर्शाती है।

Global Rating Agency S&P: चालू वित्त वर्ष में भारतीय बैंकों (Indian Banks) की ऋण वृद्धि, लाभप्रदता और संपत्ति की गुणवत्ता (Asset Quality) मजबूत रहेगी, जो मजबूत आर्थिक वृद्धि को दर्शाती है।

हालांकि, रेटिंग एजेंसी S&P Global Rating ने कहा है कि वे अपनी ऋण वृद्धि को धीमा करने के लिए मजबूर हो सकते हैं क्योंकि जमा राशि समान गति से नहीं बढ़ रही है।

एशिया-प्रशांत में बीते वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के बैंकिंग अपडेट में S&P Global Ratings की निदेशक SSEA निकिता आनंद ने कहा कि एजेंसी को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में यदि जमा वृद्धि, विशेष रूप से खुदरा जमा, धीमी रहती है, तो क्षेत्र की मजबूत ऋण वृद्धि 16 प्रतिशत से घटकर 14 प्रतिशत हो जाएगी।

आनंद ने कहा कि प्रत्येक बैंक में ऋण-से-जमा अनुपात में गिरावट आई है, ऋण वृद्धि जमा वृद्धि की तुलना में दो-तीन प्रतिशत अधिक है।

निकिता आनंद ने S&P Global Ratings के हाल ही में हुए एक सेमिनार में कहा, “हमें उम्मीद है कि बैंक चालू वित्त वर्ष (Financial Year) में अपनी ऋण वृद्धि में कमी लाएंगे और इसे जमा वृद्धि के अनुरूप लाएंगे। यदि बैंक ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें थोक धन प्राप्त करने के लिए अधिक भुगतान करना होगा, जिससे लाभप्रदता प्रभावित होगी।”

आम तौर पर, ऋण वृद्धि सबसे ज्यादा निजी क्षेत्र के बैंकों में हुई है। इनमें लगभग 17-18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। दूसरी ओर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) में 12-14 प्रतिशत की सीमा में ऋण वृद्धि देखी गई है।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker