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PM मोदी पर बनी BBC डॉक्यूमेंट्री बैन के बावजूद यहां 200 छात्रों ने देखा!

मुंबई: PM मोदी (PM Modi) पर बनी BBC की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री (Controversial Documentary) एक बार फिर सुर्खियों में हैं।

जहां टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के 200 से अधिक छात्रों (Students) ने चेतावनी के बाद भी इसे देखा। अब इसको लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं।

दरअसल पहले BBC की डॉक्यूमेंट्री की TISS में स्क्रीनिंग की जानी थी जिसका BJYM ने कड़ा विरोध करते हुए प्रदर्शन भी किया था।

PM मोदी पर बनी BBC डॉक्यूमेंट्री बैन के बावजूद यहां 200 छात्रों ने देखा! 200 students watched the BBC documentary on PM Modi despite the ban!

कैंपस में मुंबई पुलिस तैनात

इसके बाद संस्थान की ओर से सफाई दी गई कि विवादित BBC की डॉक्यूमेंट्री को नहीं दिखाया जाएगा। वहीं अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब संस्थान ने मना किया तो भी कैसे छात्रों ने इसे देखा।

कैंपस (Campus) में हिंसा न होने पाए इसको लेकर मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की भी तैनाती की गई थी।

BBC की डॉक्यूमेंट्री को लेकर मचे बवाल के बीच संस्थान ने सफाई पेश करते हुए कहा कि हमारी तरफ से इस पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई थी।

हालांकि इसको लेकर जांच कराई जाएगी कि मना करने के बाद भी कुछ छात्रों ने इसे कैसे देखा। PM नरेंद्र मोदी पर BBC की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री को दिखाए जाने की मुहिम प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम ने छेड़ी थी।

PM मोदी पर बनी BBC डॉक्यूमेंट्री बैन के बावजूद यहां 200 छात्रों ने देखा! 200 students watched the BBC documentary on PM Modi despite the ban!

TISS स्टूडेंट्स यूनियन डॉक्यूमेंट्री का QR कोड साझा किया गया

इस हफ्ते की शुरुआत में TISS कैंपस में प्रदर्शित करने का आह्वान PSF ने किया था जिसके बाद स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (Students Federation of India) ने भी इसका समर्थन किया।

बीते शुक्रवार को जब विरोध होने लगा तो इसके बाद TISS स्टूडेंट्स यूनियन डॉक्यूमेंट्री का QR कोड भी साझा किया।

संस्थान ने बीते शुक्रवार और शनिवार को दो एडवाइजरी जारी कीं। इसके बावजूद विरोध में लगे छात्र अपनी योजना पर आगे बढ़े।

हालांकि संस्थान की ओर से कहा गया कि यह पूरी गंभीरता के साथ है कि कुछ छात्र समूह 27 जनवरी को BBC की एक डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के संबंध में जारी एडवाइजरी का उल्लंघन करने वाली गतिविधियों में लगे हुए हैं।

शांति और सद्भाव के मामले पर प्रासंगिक संस्थागत नियमों से निपटा जाएगा।

एक लैपटॉप पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग शुरू की: शिवनंदन

PSF के सदस्य और SFI की केंद्रीय समिति के सदस्य रामदास प्रीनी शिवनंदन (Ramdas Prini Sivanandan) ने कहा कि शुरुआत में हमने एक लैपटॉप पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग शुरू की।

इसके बाद फिर छात्रों की संख्या बढ़ने पर नौ और लैपटॉप (Laptop) जोड़े। यह एक स्क्रीनिंग थी लेकिन सामान्य प्रोजेक्टर और बड़ी स्क्रीन पर नहीं।

उनमें से कुछ ने अपने सेलफोन (Cellphone) पर फिल्म भी देखी। उन्होंने कहा कि शाम को प्रशासन के साथ बैठक हुई जिसमें अधिकारियों ने स्क्रीनिंग सुविधाएं प्रदान करने से इनकार कर दिया।

PSF की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में समूह ने स्क्रीनिंग को सफल बनाने के लिए संस्थान के बहादुर छात्रों को बधाई दी।

बयान में कहा गया कि सामूहिक रूप से TISS के छात्रों ने हमारे संस्थान की बहस चर्चा और सबसे महत्वपूर्ण असहमति की संस्कृति को बरकरार रखा।

TISS के खिलाफ बदनाम अभियान और प्रशासन द्वारा किसी भी तरह के सहयोग से इनकार करने के बावजूद 200 से अधिक छात्रों ने एकजुटता दिखाई।

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