Homeझारखंडनौजवान जो चाहेंगे उसी रास्ते सरकार आगे बढ़ेगी : हेमंत सोरेन

नौजवान जो चाहेंगे उसी रास्ते सरकार आगे बढ़ेगी : हेमंत सोरेन

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रांची: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) के तीसरे दिन बुधवार को नियोजन नीति (Employment Policy) मामले पर मुख्यमंत्री (CM) हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि सरकार (Government) का प्रयास है कि तृतीय और चतुर्थ ग्रेड में शत प्रतिशत नौकरी मूलवासी, आदिवासी को मिले।

अब पीछे मुड़कर देखने से कुछ नहीं होगा। राज्य के सवा तीन करोड़ लोगों के प्रति हमलोग कमिटेड (Committed) लोग हैं। कई चीजें हो रही हैं जो पहले नहीं हुईं।

उन्होंने कहा कि विपक्ष (Opposition) ने झारखंड (Jharkhand) के जड़ में दीमक लगाने का काम किया। शिक्षक (teacher) बहाली में पिछली सरकार में बाहरी लोग आ गये, जिन्हें न संस्कृति का ज्ञान था, ना भाषा का ज्ञान था, जाने वो क्या कर रहे होंगे। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों का ध्यान था।

वो बच्चे नौकरी के लिए रेल, आर्मी, बैंक की बहाली में शामिल होते हैं, मेरिट (Merit) की बदौलत नौकरी पाते हैं। लेकिन केंद्र ने क्या किया सभी ने देखा, मजबूरन बेरोजगारी का दबाव राज्य पर पड़ा, जो लोग नियोजन नीति के शिकायतकर्ता थे बाहर के लोग थे।

छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जैसे ही खबर आयी की नियोजन नीति (Employment Policy) रद्द (Cancel) हो गयी उसी दिन से विचार विमर्श चल रहा है। कई बातें आ रही हैं।

आज भी विधायकों (MLAs) का प्रतिनिधिमंडल मिला है। उन्होंने जाकर आश्वस्त किया है। उनके भविष्य की हमें चिंता है। हर हाल में विधि सम्मत, संवैधानिक रूप से क्या बेहतर रास्ते हो सकते हैं, इस रास्ते पर सरकार आगे बढ़ेगी।

फॉर्म भरने से लेकर उम्र सीमा पर बात होगी

उन्होंने कहा कि इस राज्य के नौजवान जो चाहेंगे उसी रास्ते सरकार आगे बढ़ेगी। बहुत जल्द निर्णय पर आयेंगे। फॉर्म (Form) भरने से लेकर उम्र सीमा पर बात होगी।

बेहतर अवसर प्रदान करेंगे। पहले 1000 रुपये में फॉर्म भरे जाते थे, अब 50-100 रुपये में भरे जा रहे हैं। आज जहां बौद्धिक रूप से लोग कमजोर हैं इन पर अत्याचार हो रहा।

लोग शिक्षित हों, अपने पैरों पर खड़े हों, बौद्धिक हों इस दिशा में सरकार काम कर रही है। सरकार कमीटेड है। अपने कमिटमेंट (Commitment) को पूरा करेगी।

मुख्यमंत्री (CM) ने कहा कि यह नियोजन नीति क्यों रद्द हुई, इसके पीछे कौन लोग थे, इस तरफ हम नहीं जाना चाहते हैं। यह राज्य की जनता और आदिवासी मूलवासी छात्र नौजवान जान चुके हैं।

अब हम पीछे मुड़ कर नहीं देखना चाहते हैं।हम एक ऐसी नीति बनाएंगे जो हमारे युवा छात्र चाहते हैं। हम एक बिंदु पर बातचीत कर रहे हैं।

सलाह मशविरा कर रहे हैं। उम्मीद करते हैं कि बहुत जल्द एक ऐसी नीति लेकर आएंगे, जिससे राज्य की जनता का भी भला हो और हमारे छात्र नौजवान का भी।

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