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फ्रांस में दंगों की चिंगारी बनी शोला, पुलिस की गोली से किशोर की मौत के बाद..

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पेरिस : France में पुलिस द्वारा एक किशोर की कथित हत्या से भड़के दंगे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

अब तक एक हजार से ज्‍यादा लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।

45 हजार सुरक्षाकर्मी (Security personnel) दंगों को रोकने के लिए तैनात किये गए हैं, लेकिन हालात अभी तक काबू से बाहर हैं।

फ्रांस में दंगों की चिंगारी बनी शोला, पुलिस की गोली से किशोर की मौत के बाद.. Shola became the spark of riots in France, after the death of a teenager from a police bullet ..

ऐसे में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (President Emmanuel Macron) के लिए एक गंभीर संकट पैदा हो गया है, ठीक उसी समय जब वह अपने दूसरे जनादेश के साथ आगे बढ़ना चाह रहे थे।

राष्‍ट्रपति मैक्रों का पूरा Focus इस समय दंगों पर किसी भी तरह काबू पाना है।

जर्मनी के अधिकारियों ने बताया कि फ्रांस में अशांति के कारण फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जर्मनी (Germany) की राजकीय यात्रा स्थगित कर दी है।

फ्रांस में दंगों की चिंगारी बनी शोला, पुलिस की गोली से किशोर की मौत के बाद.. Shola became the spark of riots in France, after the death of a teenager from a police bullet ..

मैक्रों की अंतरराष्ट्रीय छवि को धूमिल

राष्‍ट्रपति मैक्रों अपने विवादास्पद पेंशन (Pension) सुधार पर लगभग छह महीने तक चले विरोध प्रदर्शन पर आखिरकार किसी तरह से काबू पाने में सफल हुए थे।

ये अधिकांश समय फ्रांस के घरेलू एजेंडे पर हावी रहा था। इसके तुरंत बाद ताजा हिंसा भड़क उठी है।

देश भर में दुकानों में तोड़फोड़ और जलाई गई बसों की तस्वीरें भी मैक्रों की अंतरराष्ट्रीय छवि (International Image) को धूमिल करने वाली साबित हुई हैं।

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मैक्रों की ये इच्‍छाएं पूरी होना संभव नजर नहीं आ रहा

न्यूज एजेंसी AFP के एक रिपोर्ट के मुताबिक, पेरिस में दंगे ऐसे समय में भड़के हैं, जब मैक्रों पिछले एक साल से ज्‍यादा चल रहे यूक्रेन और रूस युद्ध (Ukraine – Russia war) को खत्म करने में बड़ी भूमिका निभाना चाहते हैं।

दरअसल, मैक्रों खुद को Europe के नंबर एक पावरब्रोकर के रूप में देखे जाने इच्छा रखते हैं। लेकिन देश में जारी दंगों के बीच मैक्रों की ये इच्‍छाएं पूरी होना संभव नजर नहीं आ रहा है।

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राष्‍ट्रपति मैक्रों का पूरा फोकस इस समय दंगों पर

राष्‍ट्रपति मैक्रों का पूरा फोकस इस समय दंगों पर किसी भी तरह काबू पाना है।

जर्मनी के अधिकारियों ने बताया कि फ्रांस में अशांति के कारण फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जर्मनी की राजकीय यात्रा स्थगित कर दी है।

मैक्रों की ये राजकीय यात्रा अगले कुछ दिनों शुरू होने वाली थी। किसी देश की राजकीय यात्रा को रद्द करने का बेहद प्रतिकूल प्रभाव देश की छवि पर पड़ता है।

मैक्रों की यह यात्रा इसलिए भी महत्‍वपूर्ण थी, क्‍योंकि यह 23 साल में किसी फ्रांसीसी राष्ट्रपति की पहली ऐसी यात्रा थी।

बता दें कि इससे पहले भी पेंशन सुधार कानून के हिंसक विरोध के कारण मैक्रों ने इस साल की शुरुआत में ब्रिटेन के राजा चार्ल्स III की राजकीय यात्रा को स्थगित कर दिया था।

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पूरी दुनिया की नजरें इस समय फ्रांस पर

फ्रांस में पुलिस द्वारा 17 वर्षीय एक किशोर को गोली मारे जाने की घटना के बाद भारी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद चौथी रात को व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए और इस दौरान देशभर में 1,311 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

इतने लोगों की गिरफ्तारी के बाद भी दंगे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

पूरी दुनिया की नजरें इस समय फ्रांस पर टिकी हुई हैं। साथ ही नस्‍लभेद को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं।

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कैसे फ्रांस एक के बाद एक तनाव, हिंसा और संकटों का सामना कर रहा

दुनिया में लोग यह देखकर अचरज में हैं कि कैसे फ्रांस एक के बाद एक तनाव, हिंसा और संकटों का सामना कर रहा है।

किसी ने कल्‍पना भी नहीं की होगी कि फ्रांस जैसे देश में ऐसी दंगे और लूट की घटनाएं हो सकती हैं।

शहर भर में लूटपाट के बाद ब्रिटेन ने अपने नागरिकों के लिए फ्रांस यात्रा को लेकर चेतावनी जारी की है।

ट्रैवल एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर बेहद जरूरी काम नहीं हो, तो फ्रांस जाने से बचना चाहिए, क्‍योंकि वहां हालात सामान्‍य नहीं हैं।

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