Iran-Israel War: पिछले पांच दिनों से ईरान और इजराइल के बीच तीव्र सैन्य संघर्ष जारी है। इस युद्ध का केंद्र ईरान का परमाणु कार्यक्रम है, जिसे लेकर अमेरिका और इजराइल ने कड़ा रुख अपनाया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने की चेतावनी दी है, जबकि ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजराइल के खिलाफ युद्ध की आधिकारिक घोषणा कर दी है।
इस बीच, ट्रंप और उनकी खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर तीखी असहमति सामने आई है।
ट्रंप vs गबार्ड, परमाणु कार्यक्रम पर मतभेद
अमेरिकी खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने हाल ही में दावा किया था कि ईरान वर्तमान में परमाणु हथियार नहीं बना रहा है और खामेनेई ने रुके हुए परमाणु कार्यक्रम को दोबारा शुरू करने की अनुमति नहीं दी है।
इस बयान से नाराज ट्रंप ने इसे खारिज करते हुए कहा कि ईरान परमाणु बम बनाने के बहुत करीब है। जी-7 समिट से लौटते समय ट्रंप ने कहा, “मुझे नहीं पता किसने क्या कहा, लेकिन यह साफ है कि ईरान परमाणु हथियार के करीब है।” इसके बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों और गबार्ड के साथ बैठक की, लेकिन बैठक के बाद कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ।
ट्रंप ने पहले भी ईरान को परमाणु समझौता करने की चेतावनी दी थी, जिसमें उन्होंने कहा, “ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकता। सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।”
ईरान-इजराइल संघर्ष, युद्ध का ऐलान
इजराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर 13 जून से हमले शुरू किए, जिसे “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नाम दिया गया। इन हमलों में अब तक 500 से अधिक ईरानियों की मौत हो चुकी है, जिसमें सैन्य कमांडर और वैज्ञानिक शामिल हैं।
जवाब में, ईरान ने इजराइल पर मिसाइल हमले किए, जिसमें तेल अवीव और यरुशलम जैसे शहरों को निशाना बनाया गया। खामेनेई ने बुधवार को एक्स पर लिखा, “जंग शुरू होती है,” जिसे युद्ध की आधिकारिक घोषणा माना जा रहा है।
अमेरिका की भूमिका और ट्रंप की धमकी
ट्रंप ने ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई को “आसान निशाना” बताते हुए चेतावनी दी, लेकिन कहा कि “अभी उनकी हत्या नहीं की जाएगी।” उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिका के पास ईरान के आकाश पर “पूर्ण नियंत्रण” है।
हालांकि, ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अभी युद्ध में सीधे शामिल नहीं है, लेकिन इजराइल के दबाव और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर वह सैन्य हस्तक्षेप पर विचार कर रहे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका फोर्डो परमाणु स्थल पर बंकर-बस्टर बमों का उपयोग कर सकता है, जो केवल अमेरिका के पास हैं।
ईरान का परमाणु कार्यक्रम
ईरान का परमाणु कार्यक्रम इस युद्ध का मुख्य कारण है। इजराइल का मानना है कि ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षा क्षेत्र के लिए खतरा है, जबकि अमेरिका ने साफ कहा है कि ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने दिया जाएगा।
ट्रंप ने पहले ईरान के साथ परमाणु समझौते की वकालत की थी, लेकिन खामेनेई ने इसे खारिज कर दिया। गबार्ड के बयान ने इस विवाद को और हवा दी, जिससे ट्रंप प्रशासन के भीतर मतभेद उजागर हुए।


