Iran-Israel war: ईरान के सुप्रीम लीडर अयतुल्ला अली खामेनेई ने शुक्रवार को इजरायल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “इजरायल अब अपने किए की सजा भुगत रहा है।” यह बयान ऐसे समय में आया है, जब ईरान और इजरायल के बीच सैन्य टकराव 8वें दिन में प्रवेश कर चुका है, और दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। दूसरी ओर, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर जेनेवा में इजरायल के हालिया हमलों को “युद्ध अपराध” करार दिया।
जेनेवा में यूरोपीय देशों के साथ वार्ता
अल-जजीरा के अनुसार, अराघची जेनेवा में फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, और यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख काजा कालास के साथ अहम बैठक करेंगे। यह वार्ता 13 जून को इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर शुरू हुए हमलों के बाद हो रही है। अराघची ने स्पष्ट किया, “जब तक इजरायल के हमले जारी हैं, अमेरिका से बातचीत का सवाल नहीं उठता। हम यूरोपीय देशों से संवाद को तैयार हैं, लेकिन यह कोई औपचारिक मोलभाव नहीं होगा।”
परमाणु हमले को युद्ध अपराध बताया
रॉयटर्स के हवाले से अराघची ने कहा, “13 जून को इजरायल ने हमारे परमाणु केंद्रों पर जो हमले किए, वे अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार संधियों का खुला उल्लंघन हैं। यह न केवल ईरान, बल्कि वैश्विक शांति प्रक्रिया पर प्रहार है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि ईरान आत्मरक्षा के लिए मजबूर है और उसके मिसाइल हमले केवल सैन्य ठिकानों तक सीमित हैं, न कि नागरिक क्षेत्रों या अस्पतालों पर। अराघची ने चेतावनी दी, “अगर इजरायल हमारे आर्थिक ठिकानों को निशाना बनाएगा, तो हम उनके आर्थिक संस्थानों पर जवाबी हमला करेंगे।”
खामेनेई की सख्ती और अमेरिका को चेतावनी
सुप्रीम लीडर खामेनेई ने ईरानी जनता से हिम्मत बनाए रखने की अपील की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों को खारिज करते हुए कहा, “अमेरिका धमकियों से ईरान को नहीं झुका सकता। अगर वह जंग में हस्तक्षेप करता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।” खामेनेई ने इजरायल को “कैंसर ट्यूमर” करार देते हुए कहा कि इसका खात्मा जरूरी है।


