Madua Revolution Begins in Jharkhand: झारखंड सरकार ने मोटे अनाज, खासकर मडुआ की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य के 32,911 किसानों के बैंक खातों में 15 करोड़ 63 लाख 24 हजार 900 रुपये की प्रोत्साहन राशि DBT के जरिए भेजी गई।
यह राशि रांची के पशुपालन निदेशालय सभागार (Animal Husbandry Directorate Auditorium) में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कृषि, पशुपालन और सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने ट्रांसफर की।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि अब झारखंड मिलेट मिशन को नए नाम ‘झारखंड मडुआ क्रांति’ से जाना जाएगा।
मडुआ किसानों के लिए लाभदायक, बढ़ रही मांग
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की (Minister Shilpi Neha Tirkey) ने कहा कि गांवों में मडुआ की स्वीकार्यता बढ़ रही है और इससे किसानों की आमदनी में अच्छा सुधार हो रहा है।
पहले राज्य में लगभग 20 हजार हेक्टेयर भूमि पर मडुआ की खेती की जाती थी, जो अब बढ़कर एक लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा हो गई है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में 18 हजार किसानों को इस योजना का लाभ मिला था और अब विभाग का लक्ष्य 60 हजार किसानों को लाभ पहुंचाने का है।
मडुआ खरीद के लिए खुलेगा अधिप्राप्ति केंद्र
सरकार ने मडुआ की खरीद के लिए भी नई योजना शुरू की है। मंत्री ने कहा कि जैसे धान की खरीद के लिए अधिप्राप्ति केंद्र होते हैं, उसी तरह अब मडुआ अधिप्राप्ति केंद्र भी खोले जाएंगे।
पहले चरण में गुमला, सिमडेगा और खूंटी जिलों को चुना गया है। यहाँ 17 लैंप्स और पैक्स केंद्रों के माध्यम से किसानों से मडुआ खरीदा जाएगा।
यह सुविधा एक सप्ताह के भीतर शुरू होने की उम्मीद है और मडुआ का भाव बाजार दर के अनुसार तय होगा।
प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की तैयारी
मंत्री ने बताया कि विभाग केवल उत्पादन बढ़ाने पर ही काम नहीं कर रहा, बल्कि मडुआ से अलग-अलग उत्पाद बनाने की दिशा में भी योजनाएं बन रही हैं।
चयनित क्षेत्रों में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की योजना है, ताकि मडुआ उत्पादों को स्कूल, अस्पताल और आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि पहले मोटे अनाज को गरीबों का भोजन माना जाता था, लेकिन अब यह सभी वर्गों की पसंद बनता जा रहा है।
अधिकारियों को सटीक आंकड़ों पर ध्यान देने की सलाह
कार्यक्रम में मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि गलत आंकड़े देने की शिकायत मिली है और इसकी जांच हो रही है।
यदि गलती पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
किसानों ने साझा किए अपने अनुभव
दुमका, रांची और खूंटी के कई किसान कार्यक्रम में मौजूद थे।
दुमका के किशोर कुमार मांझी और बुढ़मू के विनोद कुमार मुंडा ने बताया कि प्रोत्साहन राशि से खेती में काफी मदद मिली और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई।
कार्यक्रम में कई विभागीय अधिकारी मौजूद थे और बड़ी संख्या में किसान भी शामिल हुए।




