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झारखंड : बेड के नीचे पड़ा था बुजुर्ग महिला का शव, लग चुके थे कीड़े ; बेटी वहीं कर रही थी ब्रश

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धनबाद: मां के शव के साथ एक बेटी कुछ दिनों से घर में रह रही थी। मां की मौत की खबर बेटी ने किसी को नहीं दी।

30 साल की बेटी पांच दिनाें तक मृत मां के साथ घर में रही। दुर्गंध आने पर आसपास के लोगों ने साेचा कि कहीं काेई जानवर मर गया हाेगा।

फिर जब गंध बर्दाश्त से बाहर हाेने लगा, ताे ढपार्षद की मदद से दरवाजा खुलवाया गया, ताे सब हैरान रह गए।

बेड के नीचे बुजुर्ग महिला का शव पड़ा था, उसमें कीड़े लग चुके थे और बेटी वहीं ब्रश कर रही थी।

पड़ाेसियाें ने बताया- मां और बेटी, दाेनाें मानसिक रूप से बीमार थीं।

बेटी काे सप्ताहभर पहले रिक्शे से आते-जाते देखा गया था

हीरापुर के जेसी मल्लिक राेड स्थित इभा विला में शनिवार काे यह हृदयविदारक दृश्य दिखा।

65 साल की आलाेका घाेषाल पिछले कई दिनाें से बीमार थीं। पैर में गहरा जख्म हाे गया था। बेड पर ही पड़े रहने काे मजबूर थीं।

बेडशाेर भी हाे गया था। बेटी काे सप्ताहभर पहले रिक्शे से आते-जाते देखा गया था।

लेकिन 5-6 दिनाें से उन्हें किसी ने नहीं देखा था। घर में काम करनेवाली आती थी, लेकिन काफी आवाज देने पर भी दरवाजा नहीं खुलने पर लाैट जाती थी।

पुलिस ने शव पाेस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पड़ाेसियाें ने बताया कि बिजली विभाग में काम करनेवाले पति नाडू घाेष की पांच साल पहले माैत हाे जाने के बाद से आलाेका अपनी बेटी के साथ मायके में ही रह रही थीं।

पेंशन से गुजारा चल रहा था

पेंशन से गुजारा चल रहा था। घर उनके पिता एसके चक्रवर्ती का है और इभा उनकी मां का नाम है।

दाेनाें का काफी पहले देहांत हाे चुका है। पड़ाेसियाें ने बताया कि आलाेका का बेटा इंद्रजीत दिल्ली में रहता है।

धनबाद आया था, ताे मां-बेटी ने उसे भगा दिया था। उसे जानकारी दी गई ताे उसने पड़ाेसियाें से ही अंतिम संस्कार कर देने काे कहा।

शव काे पाेस्टमार्टम के बाद माॅर्चरी में रखा गया है। बेटी फिलहाल उसी घर में है और पड़ाेसी निगरानी कर रहे हैं।

रविवार काे पुलिस विचार करेगी कि मानसिक रूप से बीमार युवती काे कहां रखा जाए।

मां-बेटे में नहीं थे रिश्ते अच्छे

पार्षद प्रिय रंजन ने फोनकर आलोका की मौत की खबर उनके बेटे इंद्रजीत घोषाल को दी।

इंद्रजीत ने बताया कि उन्हें धनबाद आने में दो दिन लगेंगे। इसलिए उनकी मां के शव का अंतिम संस्कार कर दिया जाए।

पड़ोसियों ने बताया कि पिता की मौत के बाद इंद्रजीत तीन साल पहले धनबाद आए थे। उन्हें मां ने घर में घुसने नहीं नहीं दिया था।

मां-बेटे में मेलजोल नहीं था। इंद्रजीत से शाम में दोबारा संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन स्वीच ऑफ था।

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