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शादी के 10 साल तक पति को पत्नी ने नहीं बनाने दिया शारीरिक संबंध, हाईकोर्ट ने…

Ahmedabad Husband-Wife Dispute: कभी-कभार जीवन में ऐसे क्षण आते हैं, जो आश्चर्यजनक परिणाम की ओर मुड़ जाते हैं। इसी तरह का एक मामला अहमदाबाद (Ahmedabad) से सामने आया है।

एक पंथ विशेष से प्रभावित होकर महिला आयुर्वेदिक डॉक्टर (Ayurvedic Doctor) पत्नी ने अपने पति को 10 साल तक संबंध नहीं बनाने दिए।

कई बार पति डॉक्टर ने समझाने की कोशिश की लेकिन पत्नी नहीं मानी। और आत्महत्या (Suicide) करने की धमकी देती रही। अंतत: पति ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इस पर अदालत ने नाराजगी जाहिर करने हुए तलाक की मंजूरी दे दी।

शादी के 10 साल तक पति को पत्नी ने नहीं बनाने दिया शारीरिक संबंध, हाईकोर्ट ने… Wife did not allow husband to have physical relationship for 10 years of marriage, High Court…

यौन संबंध बनाने पर आत्महत्या करने की धमकी

पति के मुताबिक, पत्नी ब्रह्मचर्य पर इस कदर अड़ी हुई थी कि उसने यौन संबंध (Sexual Relations) बनाने पर आत्महत्या करने की धमकी भी दी थी। पति ने कहा कि शादी से पहले उसे अपनी पत्नी की मानसिक स्थिति के बारे में अंधेरे में रखा गया था और यह क्रूरता के समान है।

2018 में Family Court ने पति के दावों को खारिज करते हुए पत्नी के इस तर्क को स्वीकार कर लिया कि पति ने अपने सबूतों में सुधार किया था।

शादी के 10 साल तक पति को पत्नी ने नहीं बनाने दिया शारीरिक संबंध, हाईकोर्ट ने… Wife did not allow husband to have physical relationship for 10 years of marriage, High Court…

पति को गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया

इसके बाद पति को Gujarat High Court का रुख किया, जहां उसने सिजोफ्रेनिया के लिए उसकी पत्नी का इलाज करने वाले डॉक्टरों और अन्य गवाहों की गवाही पेश की, जिन्होंने Family Court में गवाही दी थी कि पत्नी 2011 से ससुराल के घर में नहीं रह रही थी।

गुजरात हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि पत्नी की मेडिकल स्थिति, अपने वैवाहिक संबंधों को निभाने से इनकार करना और 12 साल तक ससुराल वाले घर से दूर रहना यह मानने के लिए पर्याप्त आधार थे कि शादी टूट गई थी और पूर्ण नहीं हुई थी।

शादी के 10 साल तक पति को पत्नी ने नहीं बनाने दिया शारीरिक संबंध, हाईकोर्ट ने… Wife did not allow husband to have physical relationship for 10 years of marriage, High Court…

Gujarat High Court ने तलाक के एक मामले की सुनवाई करते हुए उस व्यक्ति के तलाक को मंजूरी दे दी। इस जोड़े की 2009 में शादी हुई थी और महिला एक सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) रोगी थी। पति MD है और पत्नी आयुर्वेद डॉक्टर है।

रिपोर्ट के अनुसार, पति ने 2012 में फैमिली कोर्ट में तलाक का मुकदमा दायर किया था, जिसमें इस आधार पर क्रूरता का आरोप लगाया गया था कि उसकी पत्नी Schizophrenia की मरीज थी और एक आध्यात्मिक पंथ की अनुयायी थी और उसके साथ यौन संबंध नहीं बनाना चाहती थी। इस अस्वाभाविक स्थिति ने मामले को कोर्ट में पहुंचा दिया।

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