Ahmedabad plane crash: 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI171 के हादसे ने न सिर्फ विमान में सवार 241 लोगों की जान ली, बल्कि जमीन पर मौजूद 38 लोगों की मौत का कारण भी बना। यह विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराया, जिससे भारी नुकसान हुआ।
एयर इंडिया ने पीड़ितों के परिवारों के लिए ₹1 करोड़ की अंतरिम आर्थिक मदद और घायलों के इलाज का खर्च उठाने का ऐलान किया है। इसके अलावा, टाटा समूह ने क्षतिग्रस्त हॉस्टल को दोबारा बनाने की जिम्मेदारी भी ली है। लेकिन इस हादसे के बाद बीमा कंपनियों की भूमिका और मुआवजे की प्रक्रिया क्या होगी? आइए, इससे जुड़े सवालों के जवाब जानते हैं।
इंश्योरेंस क्लेम करने की प्रक्रिया क्या है?
हादसे के पीड़ितों या उनके परिवारों को मुआवजा पाने के लिए बीमा कंपनी या Air India के पास क्लेम करना होगा। इसके लिए जरूरी दस्तावेज जैसे डेथ सर्टिफिकेट, टिकट की डिटेल, आईडी प्रूफ, और बैंक डिटेल्स (NEFT फॉर्म या कैंसिल्ड चेक) जमा करने होंगे।
अगर डेथ सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं है, तो सरकारी रिकॉर्ड या अस्पताल का प्रमाण भी मान्य होगा। क्लेम प्रोसेसिंग में कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक का समय लग सकता है, लेकिन LIC और न्यू इंडिया इंश्योरेंस जैसी कंपनियों ने अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल में 24×7 क्लेम सेटलमेंट कैंप लगाकर प्रक्रिया को तेज करने का वादा किया है।
हवाई जहाज का बीमा कैसे होता है?
एयरलाइंस कंपनियां हल इंश्योरेंस (Hull Insurance) के तहत विमान की बॉडी, इंजन और अन्य उपकरणों को कवर करती हैं। इस हादसे में क्रैश हुआ बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर 2013 मॉडल का था, जिसका इंश्योरेंस करीब $115 मिलियन (लगभग ₹960 करोड़) था।
भारतीय बीमा कंपनियां जैसे टाटा AIG और न्यू इंडिया इंश्योरेंस इस तरह के बड़े रिस्क को अकेले कवर नहीं करतीं। वे ग्लोबल री-इंश्योरेंस कंपनियों (जैसे AIG, लॉयड्स) के साथ मिलकर रिस्क शेयर करती हैं, जिसमें 95% से ज्यादा रिस्क विदेशी कंपनियां लेती हैं।
यात्रियों के लिए इंश्योरेंस मुआवजा कैसे मिलेगा?
यात्रियों के लिए मुआवजा ‘पैसेंजर लीगल लायबिलिटी इंश्योरेंस’ के तहत मिलता है, जो मॉन्ट्रियल कनवेंशन 1999 द्वारा नियंत्रित है। इस कनवेंशन के अनुसार, एयर इंडिया प्रत्येक मृत यात्री के परिवार को बिना गलती साबित किए 151,880 स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDRs) यानी करीब ₹1.82 करोड़ देगी।
अगर गलती साबित होती है, तो मुआवजा और ज्यादा हो सकता है। कुल पैसेंजर लायबिलिटी करीब $350 मिलियन (₹2,923 करोड़) होने का अनुमान है। टाटा समूह ने ₹1 करोड़ की एक्स-ग्रेसिया पेमेंट और ₹25 लाख की अंतरिम राहत का ऐलान किया है, जो मॉन्ट्रियल कनवेंशन के तहत मिलने वाले मुआवजे से अलग है। अगर यात्री के पास पर्सनल ट्रैवल इंश्योरेंस या क्रेडिट कार्ड से लिंक्ड एक्सीडेंट कवर था, तो अतिरिक्त मुआवजा (₹1-3 करोड़) भी मिल सकता है।
जमीन पर पीड़ितों को मुआवजा मिलेगा?
हां, जमीन पर हादसे से प्रभावित लोगों को ‘थर्ड पार्टी लायबिलिटी इंश्योरेंस’ के तहत मुआवजा मिलेगा। इस हादसे में विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराया, जिसमें 38 लोगों की मौत हुई और भारी संपत्ति नुकसान हुआ।
इन पीड़ितों के परिवार और क्षतिग्रस्त प्रॉपर्टी के मालिक बीमा कंपनी से क्लेम कर सकते हैं। मुआवजे की राशि मृतक की उम्र, आय, और अन्य कारकों पर निर्भर करेगी, और यह सिविल कोर्ट के जरिए तय हो सकता है। टाटा समूह ने जमीन पर मृतकों के परिवारों के लिए भी ₹1 करोड़ की एक्स-ग्रेसिया राशि की घोषणा की है।