बिजनेस

Bank of Baroda ने MCLR में की 0.30 फीसदी तक बढ़ोतरी

नई दिल्ली: पब्लिक सेक्टर (Public Sector) के बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) ने अपने ग्राहकों को जोरदार झटका देते हुए अलग-अलग अवधि के लिए MCLR में 30 बेसिस प्वाइंट (bp) यानी 0.30 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है।

अब बैंक से लोन लेना महंगा हो जाएगा। बैंक की नई दरें 12 जनवरी 2023 से लागू हो जाएंगी। BOB ने एक नियामक फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी है।

बैंक ने कहा कि ओवरनाइट MCLR Rate को 35 आधार अंकों से बढ़ाकर 7.85 प्रतिशत कर दिया गया है जबकि एक माह के कार्यकाल को 20 आधार अंकों से बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया गया है।

तीन महीने की MCLR को 8.05 फीसदी से बढ़ाकर 8.25 फीसदी कर दी गई है। BOB ने कहा कि दूसरों के बीच वहीं छह महीने की MCLR को 8.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.35 प्रतिशत कर दिया गया है।

एक साल की अवधि के लिए नई दर 8.20 प्रतिशत से बढ़कर 8.50 प्रतिशत हो गई है। MCLR में बढ़ोतरी का असर कॉरपोरेट कर्जदारों पर पड़ेगा। MCLR में बढ़ोतरी के साथ टर्म लोन पर EMI बढ़ने की उम्मीद है।

उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे

ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होती है। ऐसे में MCLR में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन ऑटो और होम लोन महंगे हो सकते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले साल दिसंबर में एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र 2021/22 में लचीला बना रहा और ऋणदाताओं को क्रेडिट मांग में वृद्धि को पूरा करने के लिए जमा दरों में और वृद्धि करनी पड़ सकती है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने 7 दिसंबर को रेपो रेट में 0। 35 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया था। रेपो रेट (Repo Rate) बढ़ने के बाद बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी MCLR बढ़ाना शुरू कर दिया है।

गौरतलब है कि MCLR भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं। उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे।

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