कांग्रेस नेता सिद्धरमैया पर लिखी किताब के विमोचन पर अदालत ने लगाई रोक

0
17
BANG
#image_title
Advertisement

बेंगलुरु: बेंगलुरु (Bangalore) के सत्र न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व CM सिद्धरमैया (Siddaramaiah) पर लिखी किताब ‘सिद्धू निजाकानासुगलु’ (सिद्धू के असली सपने) के विमोचन पर रोक लगा दी। अदालत (Court) ने यह आदेश किताब के विमोचन से महज कुछ घंटे पहले दिया है।

अदालत ने अंतरिम रोक लगाने के साथ ही राज्य के उच्च शिक्षामंत्री (Higher Education Minister) सी.एन.अश्वथ नारायण व अन्य को अगली सुनवाई तक इस किताब को प्रकाशित, जारी, पैकिंग या प्रदर्शित नहीं करने का निर्देश दिया है।

अदालत के आदेश के बाद किताब के विमोचन कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया।

अदालत का यह निर्देश सिद्धरमैया के बेटे और वरुणा से विधायक यतिंद्र सिद्ध रमैया की याचिका पर आया है।

सोमवार की सुबह सिद्धरमैया ने कहा था कि किताब को प्रकाशित करने का उद्देश्य कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें अपमानित करना है और यह ‘‘पूरी तरह से मानहानिजनक’ है।

कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Legislative Assembly) में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वह इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर मंथन कर रहे हैं।

क्या यह दोहरापन नहीं है?

सिद्धरमैया ने किताब के पीछे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) का हाथ होने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘मुझे नहीं पता, जिसके आंखों में पीलिया होता है, उसे हर चीज पीली दिखती है। जो टीपू (18वीं सदी में मैसुरु राज्य के शासक टीपू सुल्तान) की तरह कपड़े पहनते हैं और हाथ में तलवार लेकर चलते हैं, वह (पूर्व मुख्यमंत्री बीएस) येदियुरप्पा और BJP MP शोभा करंदलाजी हैं जिन्होंने टीपू पर शेख अली की लिखी किताब का परिचय लिखा है, क्या यह दोहरापन नहीं है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘जानबूझकर चुनाव से पहले मुझे अपमानित करने के लिए वे किताब लेकर आ रहे हैं। यह पूरी तरह से मानहानि करने वाला है। मैं देखूंगा कि कानूनी रूप से क्या किया जा सकता है।’’

उल्लेखनीय है कि किताब के विमोचन कार्यक्रम के लिए सोमवार दोपहर पोस्टर लगाए गए जिनमें किताब की प्रति पर टीपू सुल्तान की तरह पोशाक पहने और तलवार लिए सिद्धरमैया की तस्वीर है। पोस्टर पर लिखा है कि पुस्तक विमोचन कार्यक्रम की अध्यक्षता अश्वथ नारायण करेंगे।

किताब पर लेखक का संक्षिप्त नाम ‘वीकेपी’ लिखा गया है।माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता पर यह तीन खंडों की किताब है।

विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भाजपा के विधान परिषद के सदस्य(MLC) सी नारायणस्वामी भी शामिल होने वाले थे।

कार्यक्रम में लोगों से हिस्सा लेने की अपील करते हुए अश्वथ नारायण ने ट्वीट किया था, ‘मैं ‘सिद्धू निजाकानासुगलु’ के जरिये कई सवालों का जवाब तलाशने और कई संवेदनशील मुद्दों पर खुलासा करने की कोशिश की सराहना करता हूं। मैं इस पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में शामिल होने जा रहा हूं।’’

इस बीच, कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विधि प्रकोष्ठ ने पुलिस से संपर्क कर कार्यक्रम के लिए दी गई मंजूरी को रद्द करने और कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए सभी आयोजकों को कार्यक्रम आयोजित नहीं करने देने की मांग की।

याचिका में आरोप लगाया कि सिद्धरमैया की तस्वीर के साथ सौहार्द्र और कानून व्यवस्था को बाधित करने की साजिश के तहत छेड़छाड़ की गई है।

वहीं, स्थिति का आकलन करते हुए पुलिस कर्मियों को टाउन हॉल के आसपास तैनात किया गया है जहां पुस्तक का विमोचन किया जाना था। आयोजन स्थल पर कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओ के बीच झड़प की भी सूचना है।

कांग्रेस कार्यकर्ता अदालत की रोक और मानहानि वाली सामग्री होने का हवाला देकर किताब के विमोचन का विरोध कर रहे हैं। कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने एहतियातन हिरासत में भी लिया है।