झारखंड

जस्टिस उत्तम आनंद मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने CBI SP को सशरीर उपस्थित होने के दिए निर्देश

रांची: धनबाद के जस्टिस उत्तम आनंद (Uttam Anand) हत्याकांड में हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंड पीठ में CBI ने केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) के जजमेंट का हवाला देते हुए बताया कि कुछ नए तथ्य आने के बाद ट्रायल पूरा हो जाने के बावजूद किसी मामले में सीबीआई अनुसंधान जारी रख सकती है।

इस पर हाई कोर्ट ने CBI को आवश्यक कार्रवाई करने की छूट देते हुए मामले की प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 16 सितंबर निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान CBI एसपी कोर्ट (SP Court) में सशरीर उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने CBI से पूछा था कि मामले में ट्रायल पूरा हो जाने के बाद आगे सीबीआई का अनुसंधान चल सकता है या नहीं।

CBI किस प्रावधान के तहत जांच जारी रखना चाहती है। कोर्ट ने मामले में CBI को जवाब दायर करने का निर्देश दिया था। पूर्व की सुनवाई में CBI की ओर से कहा गया कि जज उत्तम आनंद हत्याकांड में वृहत षड्यंत्र को देखते हुए CBI जांच जारी रखे हुई है।

दोषियों पर भी लगाया था 25-25 हजार रुपये का जुर्माना

CBI ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर कर बताया गया था कि मामले के दो अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा दी गई है। धनबाद CBI की विशेष अदालत ने छह अगस्त को दोषी राहुल वर्मा और लखन वर्मा को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

कोर्ट ने दोषियों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। साथ ही ट्रायल कोर्ट ने धनबाद डालसा को यह निर्देश दिया है कि दिवंगत जज उत्तम आनंद के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाया जाये।

यह फैसला दिवंगत जज उत्तम आनंद हत्याकांड की सुनवाई कर रहे CBI जज Rajinikanth Pathak ने सुनाया है।

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