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अमेरिका का ईरान पर हमला, फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट पर बंकर बस्टर बम से अटैक, ट्रंप का दावा- ‘सब तबाह’

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Iran and Israel war: ईरान और इजरायल के बीच चल रही जंग में अमेरिका की एंट्री ने हालात को और टेंशन भरा बना दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि ईरान की सबसे सुरक्षित परमाणु साइट फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट समेत तीन प्रमुख साइट्स- नतांज और इस्फहान को पूरी तरह तबाह कर दिया गया है।

लेकिन ईरानी अधिकारियों का कहना है कि फोर्डो को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि हमले से पहले ही साइट को खाली कर संसाधनों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया था। आखिर फोर्डो प्लांट की क्या खासियत है, जिसने अमेरिका को इस जंग में कूदने पर मजबूर किया?

अमेरिका का हमला, GBU-57 बंकर बस्टर का दम

22 जून 2025 की सुबह अमेरिका ने ईरान की तीन बड़ी परमाणु साइट्स- फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला किया। इस ऑपरेशन में अमेरिका ने अपने सबसे ताकतवर गैर-परमाणु हथियार GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (बंकर बस्टर) का इस्तेमाल किया।

न्यूयॉर्क टाइम्स और रॉयटर्स के मुताबिक, फोर्डो पर छह GBU-57 बम गिराए गए, जबकि नतांज और इस्फहान पर 30 टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं। ट्रंप ने इसे “स्पेक्टैकुलर मिलिट्री सक्सेस” करार दिया, लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई फोर्डो जैसे गहरे और मजबूत ठिकाने को नष्ट करना इतना आसान है?

फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट, ईरान का अभेद्य किला

फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट ईरान के कोम शहर से 15 मील दूर एक पहाड़ के नीचे बना है, जो जमीन से करीब 80-90 मीटर (295 फीट) गहराई में है। इसे खास तौर पर बमबारी से बचाने के लिए डिजाइन किया गया था, जिसकी वजह से यह दुनिया की नजरों से 2009 तक छुपा रहा। पश्चिमी खुफिया एजेंसियों ने इसका पता लगाया, तब जाकर इसका राज खुला।

फोर्डो की ताकत इसकी उन्नत सेंट्रीफ्यूज मशीनें हैं, जो यूरेनियम को 60% तक शुद्ध कर सकती हैं। परमाणु हथियार के लिए 90% शुद्धता चाहिए, और विशेषज्ञों का मानना है कि फोर्डो इस लक्ष्य के करीब था।

यही वजह है कि अमेरिका और इजरायल इसे अपने लिए बड़ा खतरा मानते थे। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के अनुसार, फोर्डो में अत्यधिक शुद्ध यूरेनियम का उत्पादन हो रहा था, जिसने चिंता बढ़ा दी थी।

GBU-57 दुनिया का सबसे खतरनाक बंकर बस्टर

GBU-57 बम, जिसे बंकर बस्टर कहा जाता है, 13,600 किलोग्राम वजनी है और 60 मीटर कंक्रीट या 200 फीट मिट्टी को भेद सकता है। यह B-2 स्टील्थ बॉम्बर से गिराया जाता है, जो रडार से बचकर सटीक हमला करता है।

हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि फोर्डो की गहराई इस बम की सामान्य रेंज से ज्यादा है। इसे नष्ट करने के लिए एक ही जगह पर बार-बार बम गिराने पड़ते हैं, ताकि चट्टानें कमजोर हों।

ईरान का जवाब, ‘हमले से पहले साइट खाली की’

ईरानी अधिकारियों का दावा है कि हमले से पहले ही फोर्डो को खाली कर लिया गया था। सीनियर ऑफिशियल्स ने रॉयटर्स को बताया कि ज्यादातर शुद्ध यूरेनियम को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया था।

IAEA ने भी पुष्टि की कि हमले के बाद तीनों साइट्स पर रेडिएशन लेवल में कोई बढ़ोतरी नहीं देखी गई, जिससे लगता है कि नुकसान सीमित रहा। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इसे “अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन” बताया और कहा कि ईरान “सभी विकल्प खुले रखता है” जवाबी कार्रवाई के लिए।

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