झारखंड हाई कोर्ट ने 2.5 करोड़ रुपये बरामदगी मामले में ED को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश

उनकी ओर से कहा गया कि इतनी बड़ी राशि बरामद हुई थी, इस संबंध में आयकर विभाग को भी सूचित करना चाहिए था लेकिन इस मामले में ACB ने आगे की किसी तरह की कार्रवाई नहीं की

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रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र (Chief Justice Sanjay Kumar Mishra) की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में बुधवार को ग्रामीण कार्य विभाग, सरायकेला- खरसावां के तत्कालीन जूनियर इंजीनियर (Junior Engineer) के जमशेदपुर स्थित आवास से करीब ढाई करोड़ रुपये की बरामदगी मामले की CBI जांच कराने का आग्रह करने वाली पंकज कुमार यादव की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

कोर्ट ने ED को मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल निर्धारित की है।

सिर्फ सुरेश प्रसाद को जेल भेजा

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद के जमशेदपुर आवास से नवंबर 2019 में करीब ढाई करोड़ रुपये बरामद हुए थे।

ये रुपये किसके हैं, यह पता नहीं चल पाया था। ACB ने इस मामले में सिर्फ सुरेश प्रसाद को जेल भेज दिया, बाकी के खिलाफ किसी तरह की न तो जांच की गई और न ही कोई कार्रवाई की गई।

अलग से कोई जांच कराने की जरूरत नहीं

सुरेश प्रसाद ने ACB को बरामद राशि के बारे में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी और कहा था कि यह किसका है, पता नहीं।

उनकी ओर से कहा गया कि इतनी बड़ी राशि बरामद हुई थी, इस संबंध में आयकर विभाग को भी सूचित करना चाहिए था लेकिन इस मामले में ACB ने आगे की किसी तरह की कार्रवाई नहीं की।

उनकी ओर से यह भी कहा गया कि जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद के आवास से बरामद करीब ढाई करोड़ रुपये मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की भी सहभागिता है।

हाल ही में ED ने वीरेंद्र राम को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले की जांच ED कर रहा है। इसलिए अलग से कोई जांच कराने की जरूरत नहीं है।

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