झारखंड

झारखंड हाई कोर्ट ने कहा- हरमू नदी का नाले के रूप में परिवर्तित होना दुर्भाग्यपूर्ण

रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने शुक्रवार को हिनू में नाली का पानी घर में घुसने को लेकर जनार्दन दुबे की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि हरमू नदी (Harmu River) नाले के रूप में परिवर्तित हो गई है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हरमू नदी में गंदा पानी बह रहा है।

कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा कि हरमू और भूसुर नदी में नाले का पानी को ट्रीटमेंट प्लांट (Treatment Plants) के माध्यम से ट्रीट कर भेजा जा रहा है या नहीं।

अगर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है तो इसके लिए राज्य सरकार का क्या प्लान है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि सड़क को किस तरह से बनाया गया है, जिससे नाली और वर्षा का पानी लोगों के घर में घुस जा रहा है, क्या सड़क बनाते समय इसका अध्ययन नहीं किया गया था।

उक्त योजना के लिए 2.25 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान

मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार और रांची नगर निगम (RMC) को वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (Water Treatment Plant) और सड़कों के पुनरुद्धार के बारे में शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया। अब मामले की सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।

राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि इंद्रा पैलेस से लेकर भूसुर नदी और वहां से हिनू नदी तक पहले नाला था, वह गायब हो गया है। उसे फिर से चालू करने की योजना है।

PWD कार्यालय, ओल्ड पीएचडी कॉलोनी और शिवपुरी कॉलोनी होते हुए नाले के पानी की निकासी की जाएगी। ऐसा करने से जल जमाव नहीं होगा।

उक्त योजना के लिए 2.25 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसकी स्वीकृति नगर विकास विभाग (Urban Development Department) की ओर से दे दी गई है।

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