Jharkhand Liquor Scam: झारखंड के चर्चित शराब घोटाले में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में बंद पांच आरोपियों से पूछताछ की।
ये सभी आरोपी एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
इस पूछताछ के लिए ED की टीम सीधे जेल पहुंची और वहां महेश सीताराम, परेश ठाकोर, विक्रम ठाकोर, बिपिन जाधवभाई परमार और जगन ठाकोर देसाई से करीब से सवाल-जवाब किए।
कोर्ट से मिली थी जेल में पूछताछ की मंजूरी
ED ने PMLA के विशेष न्यायाधीश की अदालत में आवेदन देकर इन आरोपियों से पूछताछ की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने अनुमति दी, जिसके बाद ED ने पांचों अभियुक्तों से जेल में जाकर बयान लिए। ये सभी आरोपी ACB के केस नंबर 9/25 के तहत गिरफ्तार हैं और फिलहाल जेल में बंद हैं।
फर्जी बैंक गारंटी से हुआ सरकारी नुकसान
ED के आवेदन के मुताबिक, ACB ने अपनी जांच में पाया कि दो कंपनियों—
मेसर्स विज़न हॉस्पिटैलिटी एंड कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड (VHSCPL)
मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड (MISSPL) ने शराब व्यापार Liquor Trade) में बड़ी धोखाधड़ी की। इन कंपनियों ने फर्जी बैंक गारंटी दिखाकर सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाया।
VHSCPL ने कुल 5.35 करोड़ रुपये, जबकि MISSPL ने 5.02 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी जमा की थी।
महेश सीताराम VHSCPL के एमडी हैं और परेश ठाकोर, विक्रम ठाकोर व बिपिन परमार इसके निदेशक हैं।
MISSPL में जगन ठाकोर निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।
ACB की जांच में अब तक कई गिरफ्तारियां
ACB ने मई महीने में इस घोटाले में एफआईआर दर्ज की थी। इसमें वरीय IAS अधिकारी विनय चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह, विनय सिंह सहित कुल 10 लोगों को आरोपित किया गया था।
अब तक ACB एक दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है, जिनमें से कई को बेल मिल चुकी है। ACB अपनी जांच अभी भी जारी रखे हुए है।




