झारखंड

श्री गुरु अर्जुन देव जी का 415 वां शहादत दिवस श्रद्धा व भक्ति के साथ मना

रामगढ़: सिखों के पांचवे गुरु और इतिहास के प्रथम शहीद श्री गुरु अर्जुन देव जी का 415वां शहादत दिवस आस्था के साथ मनाया गया।

रामगढ़ शहर के गुरुद्वारा साहिब में सोमवार को हजूरी रागी जत्थे भाई सरबजीत ने गुरु जी की रचनाओं को मधुर स्वर में गायन कर संगत को निहाल किया।

गुरुद्वारा साहिब के हेड ग्रंथि बाबा गुरजीत सिंह जी ने कथा वाचन कर गुरु जी से संबंधित इतिहास के कई प्रसंगों को जीवंत किया।

वहीं, स्त्री सत्संग की रंजू अरोड़ा व जसमीत कौर सोनी ने गुरुवाणी गायन कर सब को निहाल किया। जिसमें जपयो जीन अर्जुन देव गुरु, फिर संकट जोन गरभ ना आयो।

गुरुद्वारा साहिब में 40 दिनों से लगातार गुरु जी की महान रचना सुखमणि साहिब का पाठ सुबह में किया गया।

जिसका सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारण करने वाले परमिंदर सिंह जस्सल को सिरोपा देकर सम्मानित किया गया।

महासचिव जगजीत सिंह सोनी ने गुरु जी द्वारा किए गए दो महान कार्यों की जानकारी संगत को दी।

प्रथम, महान ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की संपादना जिसमें 5 गुरुओं के साथ भारत के विभिन्न स्थानों के अनेक भक्तों व विद्वानों की रचनाओं को दर्ज कर एक अद्वितीय महान ग्रंथ दुनिया को दिया एवं दूसरा, दरबार साहिब स्वर्ण मंदिर का निर्माण करवा कर उसमें उक्त महान ग्रंथ को स्थापित किया।

खालसा एआईडी संस्था ने रामगढ़ गुरुद्वारा को आठ ऑक्सीजन कॉन्सेट्रेटर कोरोना बीमारी को देखते हुए सौंपा।

कार्यक्रम में गुरुद्वारा प्रधान रमिंदर सिंह गांधी, महासचिव जगजीत सिंह सोनी, इंद्रपाल सिंह सैनी, सुरेंद्र सिंह बेदी, सुरेंद्र सिंह होरा, इंद्रजीत सिंह होरा, यश छाबड़ा, जानू कालरा सहित समाज के कई लोग उपस्थित थे।

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