Jharkhand News: पलामू के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता KN त्रिपाठी ने लातेहार में कथित अंगरक्षक दुर्व्यवहार मामले में मंगलवार को पत्रकारों से बात की।
उन्होंने साफ कहा कि अगर इस मामले में उनके खिलाफ कोई दोष साबित होता है, तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे। त्रिपाठी ने पलामू एसपी रीष्मा रमेशन और सार्जेंट मेजर सुरेश राम पर उनके खिलाफ साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया।
जीरो FIR पर उठाए सवाल
त्रिपाठी ने कहा कि उनके अंगरक्षकों रविंद्र रखसियार और गोपाल सिंह ने पलामू के शहर थाने में जीरो FIR दर्ज कराई, जिसमें उन पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल, मारपीट और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया गया है। उन्होंने इस जीरो FIR की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा, “जीरो FIR तब दर्ज की जाती है, जब घटना दूसरे राज्य या दूर के इलाके में होती है।
लेकिन लातेहार में 26 अगस्त को दोपहर डेढ़ बजे की घटना के बाद मेरे अंगरक्षकों ने उसी दिन रात 8:30 बजे तक लातेहार थाने में कोई शिकायत क्यों नहीं की?” त्रिपाठी ने दावा किया कि ये FIR पलामू एसपी और सार्जेंट मेजर के उकसावे पर अगले दिन दर्ज की गई।
क्या है पूरा मामला?
26 अगस्त को त्रिपाठी अपने अंगरक्षकों के साथ पलामू से रांची जा रहे थे। लातेहार के जुबली रोड पर जाम में फंसने के बाद त्रिपाठी ने अंगरक्षकों को जाम हटाने को कहा।
अंगरक्षक रविंद्र रखसियार का आरोप है कि जाम हटाने के बाद त्रिपाठी ने उन पर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया, थप्पड़ मारा और गाड़ी से सामान उतारकर उन्हें लातेहार में छोड़ दिया। त्रिपाठी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ये सब उनकी छवि धूमिल करने की साजिश है।
अंगरक्षक के आचरण पर सवाल
त्रिपाठी ने बताया कि उनके एक अंगरक्षक का व्यवहार पहले से ही ठीक नहीं था। “वो कार्यक्रमों में महिलाओं और लड़कियों का नंबर लेता था और बार-बार फोन करता था। कई बार शिकायतें आईं, लेकिन समझाने पर भी उसने अपनी हरकतें नहीं सुधारीं।
15 अगस्त को तिरंगे को सलामी देने के दौरान भी वो अनावश्यक घूम रहा था।” त्रिपाठी ने कहा कि लातेहार में जाम हटाने के दौरान भी अंगरक्षक का रवैया ठीक नहीं था। “जब मैंने स्कॉर्पियो चालक को डांटा, तो अंगरक्षक मुझ पर ही गुस्सा करने लगा और हिंसक व्यवहार दिखाया। उसने अचानक डिक्की से सामान उतार लिया और मेरे साथ जाने से मना कर दिया।”


