Jharkhand Mukti Morcha: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने सरना धर्म कोड और आदिवासी धर्म कोड को लागू करने की मांग को लेकर मंगलवार को रामगढ़ के सुभाष चौक पर एक दिवसीय धरना आयोजित किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर आदिवासियों के अधिकारों को नजरअंदाज करने और उनके साथ छल करने का आरोप लगाया।
केंद्र सरकार पर दबाव
धरने का नेतृत्व कर रहे JMM जिला संयोजक मंडली के प्रमुख विनोद किस्कू ने कहा, “बिना सरना धर्म कोड लागू किए झारखंड में जातीय जनगणना करना आदिवासियों के साथ धोखा होगा।
इसे JMM बर्दाश्त नहीं करेगी।” उन्होंने बताया कि झारखंड विधानसभा ने 11 नवंबर 2020 को सरना धर्म कोड विधेयक पारित कर केंद्र सरकार को भेजा था, लेकिन पांच साल बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया।
जनगणना का विरोध
किस्कू ने चेतावनी दी कि जब तक सरना धर्म कोड लागू नहीं होता, JMM जातीय जनगणना का विरोध जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा आदिवासियों की पहचान और संस्कृति से जुड़ा है, और पार्टी इसके लिए दिल्ली तक आंदोलन करने को तैयार है।
धरने में शामिल प्रमुख नेता
धरने में विनोद कुमार महतो, केंद्रीय सदस्य राजकुमार महतो, भुन्नू महतो, सोनाराम मांझी, चित्रगुप्त महतो, महेंद्र मुंडा, हरिलाल बेदिया, बरतु करमाली, गीता विश्वास, महेश ठाकुर, खुर्शीद आलम, संतोष कुमार, सागीर हुसैन, दीपक टुडू, सतीश मुर्मू सहित कई कार्यकर्ता शामिल थे।
आदिवासी अस्मिता की लड़ाई
JMM नेताओं ने कहा कि सरना धर्म कोड आदिवासियों की चिरकालिक मांग है, जो उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मान्यता देगा।
केंद्र सरकार की चुप्पी को आदिवासी समाज के प्रति उपेक्षा बताते हुए पार्टी ने इस मुद्दे पर और तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी है।