Homeझारखंडखूंटी शहर के लोगों को पेयजल के लिए भारी संकट का करना...

खूंटी शहर के लोगों को पेयजल के लिए भारी संकट का करना पड़ रहा सामना, नल से…

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

Khunti Water Crisis: 2019 में शुरू हुई शहरी जलापूर्ति योजना (Water Supply Scheme) पांच वर्ष में भी पूरी नहीं हो सकी। खूंटी (Khunti) शहर के लोगों के लिए स्वच्छ पेयजल अब भी दूर की कौड़ी है।

वर्षों से गर्मी के मौसम में भीषण जल संकट का सामना करने वाले खूंटी शहर के लोगों को नल से स्वच्छ जल पहुंचाकर जल संकट (Water crisis) से निजात दिलाने के उद्देश्य से विश्व बैंक संपोषित खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना का लाभ शहर वासियों को इस वर्ष की गर्मी में भी नहीं मिल सका।

लगभग 60 करोड़ की लागत वाली शहर की इस महत्वाकांक्षी योजना का शिलान्यास राज्य के तत्कालीन शहरी विकास मंत्री CP सिंह ने पांच वर्ष पूर्व 25 जनवरी 2019 को किया था।

योजना का कार्य दो वर्ष में पूरा करना था, लेकिन पांच वर्ष का लंबा समय बीत जाने के बाद भी योजना का काम अब तक पूरा नहीं हो सका। स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित जिले के उपायुक्त और अन्य संबंधित वरीय अधिकारियों द्वारा कई बार योजना का निर्माण करा रही कार्यकारी एजेंसी को जल्द से जल्द योजना को पूर्ण कर शहर में जलापूर्ति करने का निर्देश दिया गया।

इसके बावजूद एजेंसी के रवैए में कोई फर्क नहीं पड़ा। इस स्थिति में इस वर्ष के गर्मी में भी इस योजना के तहत शहर में जलापूर्ति शुरू नहीं हो सकी।

इसके कारण इस भीषण गर्मी (Extreme Heat) में लोगों को एक-एक बाल्टी पानी के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि गर्मी आने से पूर्व इस योजना से गर्मी में जलापूर्ति शुरू करने की बात कही जा रही थी।

इसके लिए गर्मी से पूर्व इस योजना से कई बार जलापूर्ति का ट्रायल भी किया गया था, लेकिन समुचित तरीके से जलापूर्ति अब तक शुरू नहीं की जा सकी।

योजना के तहत शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग क्षमता वाले तीन जलमीनार और एक अत्यधिक Filtration Plant का निर्माण किया गया है। इसके अलावा कई किलोमीटर नयी पाइपलाइन बिछाने के साथ ही तजना नदी स्थित इंटकवेल और एक पुराने जल मीनार का सुदृढ़ीकरण किया गया है।

बीयर की क्षमता कम, कैसे मिलेगा पर्याप्त पानी

इस नई शहरी जलापूर्ति योजना के तहत नया बीयर बनाने का प्रावधान नहीं है। तजना नदी में वर्षों पूर्व बनाए गए बीयर से ही जलापूर्ति की जानी है। तजना बीयर की क्षमता पहले से ही काफी कम है। गर्मी में तजना बीयर का पानी लगभग सूख जाता है। इससे गर्मी के मौसम में पुरानी जलापूर्ति योजना के तहत बनाए गए एक जलमीनार को भरने में भी काफी परेशानी होती है।

नतीजतन गर्मी में होनेवाली जलापूर्ति कई एक बार ठप पड़ जाती है। ऐसे में नई जलापूर्ति योजना के तहत बनाए गए तीन उच्च क्षमता वाले जल मीनारों में पानी कहां से भरा जाएगा, इसका प्रावधान इस योजना में नहीं किया गया है। ऐसे में इस महत्वाकांक्षी योजना से भी शहर वासियों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सकेगा, इस पर सवाल उठने लगे हैं।

इस संबंध में नगर पंचायत के प्रशासक Srishti Deepriya Minj का कहना है कि नया बीयर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन नया बीयर कब तक बनाया जाएगा और कब तक शहर के लोगों को नल से स्वच्छ जल मिल सकेगा, यह बताने वाला कोई नहीं है।

spot_img

Latest articles

डोरंडा महाविद्यालय में ‘हिलोर’ युवा महोत्सव का भव्य समापन…

Youth Festival 'Hilor' Concludes: डोरंडा महाविद्यालय (Doranda College) में तीन दिनों तक चले युवा...

बदलापुर के लिए रवाना हुई झारखंड की जूनियर थ्रोबॉल टीम..

Jharkhand's junior throwball team left for Badlapur : झारखंड की जूनियर बालक और बालिका...

JSSC CGL पेपर लीक पर छात्रों का गुस्सा, बोले– राज्य की जांच नहीं, CBI जांच जरूरी

Students Angry Over JSSC CGL Paper Leak: संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (JSSC CGL) में...

कई ट्रेन प्रस्ताव अटके, RTI में खुलासा

Many Train Proposals Are Stuck: झारखंड रेल यूजर्स एसोसिएशन द्वारा दायर एक RTI में...

खबरें और भी हैं...

डोरंडा महाविद्यालय में ‘हिलोर’ युवा महोत्सव का भव्य समापन…

Youth Festival 'Hilor' Concludes: डोरंडा महाविद्यालय (Doranda College) में तीन दिनों तक चले युवा...

बदलापुर के लिए रवाना हुई झारखंड की जूनियर थ्रोबॉल टीम..

Jharkhand's junior throwball team left for Badlapur : झारखंड की जूनियर बालक और बालिका...

JSSC CGL पेपर लीक पर छात्रों का गुस्सा, बोले– राज्य की जांच नहीं, CBI जांच जरूरी

Students Angry Over JSSC CGL Paper Leak: संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (JSSC CGL) में...