Latest Newsझारखंडवन अधिकार कानून के उल्लंघन के खिलाफ लोगों ने सड़क पर उतर...

वन अधिकार कानून के उल्लंघन के खिलाफ लोगों ने सड़क पर उतर कर किया प्रदर्शन

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

Violation of Forest Rights Act: रामगढ़ जिले में वनाधिकार कानून का उल्लंघन (Violation of Forest Rights Act) हो रहा है।

आदिवासियों और वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को उसके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं।

जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। इस मुद्दे पर सोमवार को जिला ग्राम सभा मंच के अध्यक्ष हीरालाल मुर्मू के नेतृत्व में एक बड़ा प्रदर्शन किया गया।

पारंपरिक वेशभूषा धारण किए आदिवासी समाज के हजारों लोग कोठार ओवर ब्रिज से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक प्रदर्शन करते हुए पहुंचे।

उनके हाथों में पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र भी थे, जो उनके अंदर के गुस्से को परिलक्षित कर रहा था। प्रदर्शन के बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्य DC चंदन कुमार से मिले और उन्हें पांच सूत्री ज्ञापन सौंपा।

प्रदर्शन के दौरान जिला ग्राम सभा मंच के अध्यक्ष Hiralal Murmu ने बताया कि रामगढ़ जिले में वन अधिकार कानून 2006 नियम 2008 और संशोधित नियम 2012 को विधि सम्मत लागू नहीं किया जा रहा है।

सैकड़ो व्यक्तिगत और सामुदायिक वनाधिकार दावे अनुमंडल या जिला स्तर पर लंबित पड़े हैं। वनाधिकार के मामले में वन विभाग द्वारा मनमानी की जा रही है।

वनाधिकार दावों को रद्द या निरस्त करने पर दावेदारों या ग्राम सभा एवं वनाधिकार समिति को सूचना दी जानी है, पर ऐसा नहीं हो रहा।

सामुदायिक वन अधिकार पट्टा में केंदु पत्ता व्यवसाय का अधिकार तथा धारा 31 (ख) में निस्तारी या धारा 31 (ठ) में अन्य पारंपरिक हक के रूप में कृषि औजार जैसे हल जुवाट इत्यादि घरेलू उपयोग के लकड़ी लाने के अधिकार नहीं है।

धारा 31 (झ) के तहत ग्राम सभा को जंगलों के संरक्षण, संवर्धन और प्रबंधन का अधिकार है। लेकिन उसे भी नहीं दिया जा रहा है। इस तरह से वन अधिकार कानून का कई तरह से उल्लंघन किया जा रहा है। वन क्षेत्र में वन विभाग वन आश्रित आदिवासियों एवं परंपरागत वन निवासियों के खिलाफ शोषण, अत्याचार एवं दमन कर रही है। वनाश्रितों या वन अधिकार कार्यकर्ताओं पर झूठे केस किया जा रहे हैं।

कार्यकर्ताओं पर झूठे केस मुकदमों को रद्द करने की मांग की

मांडू प्रखंड अंतर्गत जितरा टुगरी में वनाधिकार समिति, वन आश्रित महिलाओं और ग्राम सभा सदस्यों पर भी वन विभाग द्वारा झूठे केस किए गए हैं। मांडू प्रखंड में ही सीसीएल कोलियरी और अंचल द्वारा संथाल आदिवासियों के मसना मरघटी को नष्ट किया गया।

वनाधिकार कानून को लागू करने में अगुवाई करने वाले और ग्राम सभा को सहयोग करने वालों पर वन अधिकार समितियां एवं ग्राम सभाओं के प्रतिनिधियों पर वन विभाग और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की सहयोग से बिचौलिए द्वारा कभी मारपीट तो कभी धमकी दी जाती है।

ग्राम सभा मंच ने DC Chandan Kumar से वन अधिकार कानून को लागू करने, लंबित वन अधिकार दावों का निपटारा जल्द करने, कानून का उल्लंघन करने वाले सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों पर SC ST Act के तहत कार्रवाई करने, वनाधिकार लागू करने में सक्रिय समितियों पर अत्याचार बंद करने, वन अधिकार कार्यकर्ताओं पर किए गए झूठे केस मुकदमों को रद्द करने की मांग की है।

spot_img

Latest articles

‘एवेंजर्स डूम्सडे’ के ट्रेलर में स्टीव रॉजर्स की ऑफिशियल वापसी

'Avengers Doomsday' Official Trailer Release : मार्वल की अपकमिंग फिल्म एवेंजर्स डूम्सडे ( 'Avengers:...

चाऊमीन-मैगी की लत, आंतों ने किया काम करना बंद, अहाना की मौत ने फिर उठाए जंक फूड पर सवाल?

Death Raises Questions About junk Food Again: उत्तर प्रदेश के अमरोहा की रहने वाली...

4,317 करोड़ रुपये में बिकी पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइन PIA

Pakistan International Airlines Auction : पाकिस्तान के खराब आर्थिक हालात का अंदाजा इसी बात...

साल का आखिरी गोचर पड़ेगा भारी, इन 3 राशियों को रहना होगा सतर्क

Budh Gochar : 29 दिसंबर को साल 2025 का आखिरी बड़ा गोचर होने जा...

खबरें और भी हैं...

‘एवेंजर्स डूम्सडे’ के ट्रेलर में स्टीव रॉजर्स की ऑफिशियल वापसी

'Avengers Doomsday' Official Trailer Release : मार्वल की अपकमिंग फिल्म एवेंजर्स डूम्सडे ( 'Avengers:...

4,317 करोड़ रुपये में बिकी पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइन PIA

Pakistan International Airlines Auction : पाकिस्तान के खराब आर्थिक हालात का अंदाजा इसी बात...