Jharkhand State Electricity Regulatory Commission: झारखंड राज्य विद्युत विनियामक आयोग (JSERC) ने पूरे राज्य में बिजली वितरण की कॉस्ट तय करने के लिए नया नियम ला दिया है। ‘झारखंड राज्य विद्युत विनियामक आयोग (वितरण टैरिफ निर्धारण की शर्तें एवं नियम), 2025’ नाम की ये रूलिंग 16 अक्टूबर 2025 को झारखंड राजपत्र के स्पेशल एडिशन में पब्लिश हो गई।
इसका असर सभी डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंस होल्डर्स के फाइनेंशियल ऑपरेशंस पर पड़ेगा, और कस्टमर्स की बिल रेट्स भी चेंज हो सकती हैं। आयोग का दावा है कि इससे मिलने वाले फायदे आखिरकार हमें कम या स्टेबल बिजली बिल्स के रूप में मिलेंगे।
मल्टी-ईयर टैरिफ, सालाना झंझट खत्म
नए रूल्स की सबसे बड़ी हाइलाइट ‘मल्टी-ईयर टैरिफ’ (MYT) सिस्टम है। अब हर साल टैरिफ रिव्यू करने की बजाय, ये फ्रेमवर्क कई सालों के लिए एक स्टेबल फाइनेंशियल रोडमैप देगा। इससे डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां कॉस्ट कटिंग और बेहतर परफॉर्मेंस पर फोकस करेंगी।
JSERC का मानना है कि ये एफिशिएंसी उपभोक्ताओं तक कम बिल्स या स्टेबल रेट्स के रूप में पहुंचेगी। साथ ही, सिर्फ ‘रिसनेबल एक्सपेंसेस’ को ही टैरिफ में ऐड करने की परमिशन-यानी कंपनियां वसूल सकेंगी सिर्फ वो खर्चे जो क्वालिटी और रिलायबल बिजली सप्लाई के लिए मुश्किल जरूरी हैं।
पारदर्शिता और डिसिप्लिन का नया दौर
ये विनियमन झारखंड के बिजली डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर में फाइनेंशियल डिसिप्लिन और ऑपरेशनल एफिशिएंसी को बूस्ट देने का बड़ा स्टेप है। कॉस्ट रिकवरी, डेप्रिशिएशन और अलाउएबल एक्सपेंसेस को क्लियरली डिफाइन कर आयोग ने ट्रांसपेरेंट सिस्टम की बुनियाद रखी।
नया फ्रेमवर्क बेटर प्लानिंग, एफिशिएंसी और कस्टमर्स के लिए फेयर व रियलिस्टिक रेट्स सुनिश्चित करेगा। ये बिजली सेक्टर के मॉडर्नाइजेशन का माइलस्टोन है, जो कंपनियों को क्लैरिटी और हमें स्टेबिलिटी देगा।


